कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में वांछित गैंगस्टर विकास दुबे के राइट हैंड माने जाने वाले अमर दुबे को एसटीएफ ने एक एनकाउंटर में मार दिया है. इस बीच विकास दुबे से संबंध के आरोप में एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक और कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव का ट्रांसफर कर दिया गया है.

कानपुर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों मौत के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को मंगलवार सात जुलाई की रात लाइन हाजिर कर दिया गया.

इसके अलावा कुछ समय पहले कानपुर के एसएसपी रहे एक पुलिस उपमहानिरीक्षक अनंत देव तिवारी को भी स्थानांतरित कर दिया गया है. इस बीच उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीते बुधवार को एक मुठभेड़ में वांछित गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी सहयोगी अमर दुबे को मार गिराया है.

अमर दुबे विकास की गैंग का तीसरा व्यक्ति है, जो पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है. अमर दुबे पर 25,000 रुपये का इनाम था. वह पिछले हफ्ते चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बदमाशों द्वारा घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में शामिल था.

एसटीएफ आईजी अमिताभ यश ने बताया कि विकास दुबे के राइट हैंड माने जाने वाले अमर दुबे को हमीरपुर जिले के मौदहा थानाक्षेत्र में एक एनकाउंटर में मार दिया गया.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते (दो और तीन जुलाई की दरमियानी रात में) कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर उसके साथियों ने घात लगाकर हमला किया था. इस वारदात में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे.

मुठभेड़ में जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी, उनमें बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष, शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कॉन्स्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (34), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं.

मालूम हो कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर करीब 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस पर 2.5 लाख रुपये का इनाम रखा है और वो अभी भी फरार है. उसकी तलाश में पुलिस की अनेक टीमें लगी हुई हैं.

इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार तीन जुलाई को एक एनकाउंटर में दुबे के दो सहयोगियों प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे को मार गिराया था.

उत्तर प्रदेश पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि चौबेपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल समेत 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि बिकरू कांड के बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा संदेह के घेरे में आ गई थी.

उन्होंने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के निरीक्षक विनय तिवारी तथा अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे. शुरुआती जांच में यह पाया गया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के लिए मुखबिरी कर रहे थे.

प्रवक्ता ने बताया कि थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है और उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बीते चार जुलाई को मुखबिरी के संदेह में चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया था.

बीते पांच जुलाई को विकास दुबे के एक साथी दयाशंकर अग्निहोत्री को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसने बयान दिया है कि पुलिस की दबिश से पहले विकास दुबे को थाने से किसी का फोन आया था, जिसने पुलिस की छापेमारी की सूचना दी थी.

इस बीच पुलिस ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. दुबे की रिश्तेदार क्षमा, पड़ोसी सुरेश वर्मा और घरेलू सहायिका रेखा को गिरफ्तार किया गया है. रेखा का पति दयाशंकर अग्निहोत्री पहले ही सलाखों के पीछे है.

राज्य सरकार ने हिस्ट्रीशीटर दुबे के साथ संबंध और उसके खिलाफ कार्रवाई न किए जाने की तत्कालीन डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा के कथित शिकायती पत्र को नजरअंदाज करने के आरोपों का सामना कर रहे एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक एवं कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव को सात जुलाई की रात स्थानांतरित कर दिया है.

राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक देव को पीएसी मुरादाबाद स्थानांतरित कर दिया गया है.

दिवंगत डिप्टी एसपी के कथित पत्र की जांच जारी

एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक एवं कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव वह उस वक्त कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे, जब बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी संबंध का आरोप लगाते हुए एक कथित पत्र लिखा था.

हालांकि पुलिस ने कहा था कि इस पत्र का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है.

अनंत देव ने कहा था कि बिकरू कांड में मारे गए बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा द्वारा कथित 14 मार्च को लिखे गए पत्र में किए गए हस्ताक्षर मिश्रा के दस्तखत से मेल नहीं खाते. साथ ही उसमें न. कोई तारीख है और न ही कोई सीरियल नंबर.

बहरहाल, सरकार ने पत्र को लेकर उठे विवाद की जांच लखनऊ जोन की पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह को सौंपी है. उन्होंने तफ्तीश शुरू भी कर दी है.

कानपुर मुठभेड़ के 15 आरोपियों की तस्वीर जारी, एक गिरफ्तार

इसके अलावा पुलिस ने बिकरू कांड में आरोपी 15 लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, जिन्हें जगह-जगह चस्पा किया गया है. इनमें से ज्यादातर पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित है.

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गिरोह के खिलाफ जारी अभियान के तहत बुधवार को चौबेपुर इलाके में दुबे के एक साथी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

चौबेपुर के थानाध्यक्ष केएम राय ने बताया कि विकास दुबे का साथी श्याम बाजपेयी चौबेपुर इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके पैर में गोली लगी है। उसके सिर पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित है.

श्याम भी बिकरू गांव गए पुलिस दल पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में वांछित था.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here