माताओं को अपनी बेटी के विवाहित जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए : सय्यदा...
एक पत्नी बनना कोई आसान काम नहीं है जो हर अज्ञानी और अक्षम लड़की आसानी से कर सकती है। एक पत्नी होने के लिए बहुत बुद्धि, शिष्टाचार, धैर्य, ईमानदारी, धीरज और...
जो अब्र यहाँ से उठेगा वो सारे जहाँ पर बरसेगा
(यूनिवर्सिटी के सौ साल पूरे होने पर ये देखना चाहिये कि सौ साल में कितने सर सय्यद रह० पैदा हुए और कितनी यूनिवर्सिटियाँ क़ायम हुईं)
कलीमुल हफ़ीज़
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को क़ायम हुए...
सबसे तेज़ी से बढ रही अर्थव्यवस्थाओं में एक भारत कैसे सबसे तेज़ी से नीचे...
पिछले कुछ साल से दुनिया भर से आ रही ख़राब आर्थिक ख़बरों के बावजूद देश के अर्थशास्त्री इस बात पर संतोष जता रहे थे कि भारत की अर्थव्यवस्था में भले ही...
आख़िर हिन्दुस्तानी मुसलमान को इस हाल तक पहुँचा देने का ज़िम्मेदार कौन है?
"ख़न्दाज़न मेरे लबे-गोया पे है दर्दे-निहाँ"
(नफ़ा पहुँचाने वालों को अल्लाह ज़मीन में पाएदारी अता करता है)
कलीमुल हफ़ीज़
राम-मन्दिर की आधार शिला के बाद हिन्दुस्तानी मुसलमान ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे...
आज कल होता गया और दिन हवा होते गए || कलीमुल हफ़ीज़
कलीमुल हफ़ीज़
दुनिया में रोशनी की रफ़्तार बहुत तेज़ है। अंतरिक्ष में रोशनी की रफ़्तार 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड है। लेकिन रोशनी की रफ़्तार से भी ज़्यादा तेज़ रफ़्तार वक़्त की है।...
तालीम के चिराग़ जलाते हुए चलो
लॉक-डाउन में ऑन-लाइन तालीम : इमकानात व मसायल
कलीमुल हफ़ीज़
लॉक-डाउन में ज़िन्दगी के तमाम शोबे मुतास्सिर हुए हैं। लेकिन तालीम का शोबा सबसे ज़्यादा मुतास्सिर हुआ है और अभी दूर-दूर तक स्कूल...
हर रहगुज़र से ख़ार हटाते हुए चलो: कलीमुल हफ़ीज़
कहावत मशहूर है कि परहेज़ आधा इलाज है। हालाँकि एलोपैथी में परहेज़ को ज़्यादा अहमियत नहीं दी जाती, इसी लिये अंग्रेज़ी दवाएँ एक बीमारी ठीक करती हैं तो दो पैदा कर...
यूपी सरकार के दावों और राज्य की ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस’ के बाद भी कानपुर...
अपराधियों और राजनीति के बीच हमेशा से गहरा संबंध रहा है। कोई भी राजनीतिक दल अपराधियों से मुक्त होने का दावा नहीं कर सकता है। इसके प्रमाण समय-समय पर सामने आते...
हकीम बक़ाई मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड अपनी दवाओं से लोगों की कर रही है खिदमत
हकीम बक़ा उल्लाह साहब (मरहूम) की गिनती ईरान के प्रसिद्ध व्यक्तित्व में होती है। खुद तब यूनानी के माहिर और हिकमत में आला मुक़ाम रखते थे। जनाब हकीम बक़ा उल्लाह साहब...
क़ौम को हर दौर में इज़्ज़त मिली तालीम से : कलीमुल हफ़ीज़
कलीमुल हफ़ीज़
तालीम का जब ज़िक्र होता है तो उसकी अहमियत और फ़ायदों पर बातचीत होती है या फिर मुसलमानों की बदहाल और नाक़ाबिले-बयान तालीमी सूरते-हाल का रोना रोया जाता है। इन...
सादगी मुस्लिम की देख औरों की अय्यारी भी देख: कलीमुल हफ़ीज़
बरतरी हासिल करने के लिये जिद्दोजुहद और जंग की हमेशा से एक तारीख़ रही है। जबसे दुनिया क़ायम है एक इन्सान दूसरे इन्सानों पर, एक क़ौम दूसरी क़ौमों पर, एक मुल्क...
दिल्ली इलेक्शन : बहुत कठिन है डगर पनघट की
दिल्ली में आम आदमी की पाँच साला कारकर्दगी को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि अरविन्द जी बहुत आसानी से तीसरी बार मुख्यमन्त्री बन जाएँगे। मगर ज्यों-ज्यों इलेक्शन क़रीब आ...
शाहीन बाग़ की ख़वातीन पूरी दुनिया के लिये मशअले-राह बन गईं : कलीमुल-हफ़ीज़
कहते हैं कि हर कामयाब मर्द के पीछे एक ख़ातून का हाथ होता है। मैं कहता हूँ कि हर कामयाबी की पीठ पर ख़ातून का हाथ होता है। या यूँ कहिये...
हादिसों से सीखिये तसनीम जीने का सबक़: कलीमुल हफ़ीज़
इन्सानी ज़िन्दगी और हादिसों का चोली-दामन का साथ है। जिस तरह एक शख़्स हादिसे का शिकार होता है उसी तरह क़ौमें भी हादिसों का शिकार होती हैं। कुछ लोग हादिसों से...
दरिंदों के शहर में लाज़िम है परेशां होना : सैयद फैसल अली
सैयद फैसल अली
हैदराबाद गैंगरेप मामले में चारों आरोपी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। जिन दरिंदों के मारे जाने पर जश्न का आलम है। पुलिस के कारनामे की प्रशंसा हो रही...
वरना तमाम इल्म तो क़ुरआन ही में था: कलीमुल-हफ़ीज़
क़ुरआन मजीद वो किताब है जिसको हम सब जानते हुए भी उससे अनजान हैं, घर में मौजूद होते हुए भी हमें इसकी मौजूदगी का एहसास नहीं है। इसकी याद या तो...