मुंबई के डब्बावाले दो दिन की छुट्टी पर हैं. दरअसल, डब्बावाले आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पंढरपुर की वार्षिक यात्रा में शामिल होंगे. मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तालेकर ने बताय कि 12 और 13 जुलाई को टिफिन सेवाएं बंद रहेंगी.

 

मुंबई के डब्बावाले दो दिन की छुट्टी पर हैं. दरअसल, डब्बावाले आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पंढरपुर की वार्षिक यात्रा में शामिल होंगे. मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तालेकर ने बताय कि 12 और 13 जुलाई को टिफिन सेवाएं बंद रहेंगी.

नौ अगस्त 2017 को डब्बावालों ने एक दिन की छुट्टी लेकर मराठा आरक्षण रैली में हिस्सा लिया था और उन्होंने नौकरी एवं शिक्षा में मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग को अपना समर्थन दिया था. डब्बावाला मुंबई की गर्मी और भारी बारिश के बावजूद समय पर डिलिवरी पहुंचाने के कारण जाने जाते हैं.

बहरहाल बता दें कि मुंबई के डब्बावाले दप्तरों में लंच पहुंचाने के बाद अब पार्सल डिलीवरी के कारोबार में भी उतरने की तैयारी कर रहे हैं. अपने कौशल और काम में बेहतर प्रदर्शन के लिए पहचाने जाने वाले ये लोग एमबीए और मैनेजमेंट की डिग्री वालों को भी मात देते हैं.

मुंबई के इन डब्बावालों के पास न तो बिजनेस मैनेजमेंट कॉलेज की डिग्री है और न ही किसी बड़ी कंपनी में काम करने का अनुभव ही है. इनमें से कोई भी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. लेक‍िन ये बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए मिसाल बन चुके हैं. दुनिया के कई बड़े सीईओ इनके काम करने के तरीके से प्रभावित हैं.

मुंबई डब्‍बावाला से जुड़ा हर व्‍यक्ति औसतन आठवीं पास है, लेकिन इनका काम बड़े-बड़े डिग्रीधारियों को फेल करता है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फेड एक्‍स और हिंदुस्तान यूनीलिवर जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां इनसे मार्केटिंग टिप्‍स ले चुकी हैं.

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