अयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में अब सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. उम्मीद है कि शीर्ष अदालत 15 नवंबर तक अपना फैसला सुना देगी. इस बीच हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मुझे नहीं पता क्या फैसला आएगा, लेकिन मैं चाहता हूं फैसला ऐसा आए जिससे कानून के हाथ मजबूत हों.

उन्होंने कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराया जाना कानून का मजाक था. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अपने ट्विटर हैंडल पर ओवैसी के भाषण का वीडियो अपलोड किया है, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी कह रहे हैं, ”जब 1986 में बाबरी मस्जिद के ताले खोले गए थे तो कांग्रेस की सरकार थी. कौन था वो मिनिस्टर जब मस्जिद शहीद हुई थी? जब ताले खोले गए तो किसकी हुकुमत थी. ये आपको (सामने खड़ी भीड़ से) याद रखना है. अल्लाह से दुआ करो कि अल्लाह इस फैसले से मुल्क में इंसाफ को कायम कर दे.”

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