बिहार के पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में आरजेडी और जडीयू आमने-सामने हैं. आरजेडी ने जेडीयू विधायक रहीं बीमा भारती पर ही भरोसा जताया है तो वहीं जेडीयू ने भी उसी कम्युनिटी से उम्मीदवार उतारा है जिससे बीमा आती हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के लिए का नाक का सवाल बन गए इस उपचुनाव में आरजेडी का नया वोट गणित चलेगा या सुशासन बाबू के चेहरे का जादू?
बिहार के पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. इस सीट के लिए 10 जून को मतदान होना है. सूबे की सत्ता पर काबिज जनता दल (आरजेडी) ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में आईं बीमा भारती पर ही भरोसा जताया है बीमा भारती इस सीट से 2020 के चुनाव में जेडीयू के टिकट पर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुई थीं. रुपौली उपचुनाव में आरजेडी की बीमा भारती और जेडीयू के कलाधर मंडल के बीच है लेकिन साख सीएम नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की दांव पर लगी है. ये उपचुनाव दोनों नेताओं के लिए नाक का सवाल बन गया है.
नीतीश-तेजस्वी के लिए नाक का सवाल
लोकसभा चुनाव नतीजे आने के करीब महीनेभर बाद हो रहा रुपौली का उपचुनाव नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, दोनों के लिए ही नाक का सवाल बन गया है हालिया लोकसभा चुनाव में दोनों ही दलों को पूर्णिया में हार का सामना करना पड़ा था. अब रुपौली उपचुनाव में जीत के जरिए दोनों दल 2025 चुनाव से पहले अपनी सियासी उम्मीदों को नई उड़ान देने के लिए पूरी ताकत झोक रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रुपौली में जेडीयू उम्मीदवार के लिए प्रचार किया और बीमा भारती को निशाने पर रखा तो वहीं उनकी पार्टी के कई बड़े नेताओं ने कैंप कर प्रचार की बागडोर संभाली की बागडोर संभाली. नीतीश ने बीमा को तीन बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री बनाने का जिक्र कर दावा किया कि इतनी इज्जत दी फिर भी हमें छोड़कर भाग गईं.नीतीश के बयान पर बीमा की प्रतिक्रिया आई है और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी पलटवार किया. तेजस्वी यादव ने जेडीयू पर अति पिछड़े की बेटी को अपमानित करने का आरोप लगाया. नीतीश के सामने जेडीयू की जीती सीट बचाने की चुनौती है. वहीं, तेजस्वी के सामने यह साबित करने की चुनौती है कि लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने वोटों का जो नया समीकरण गढ़ा था, वह कोई तुक्का नहीं है. गौरतलब है कि बीमा भारती 2020 में रुपौली सीट से एनडीए की ओर से जेडीयू के टिकट पर जीती थीं