पूरे यूरोप में इस बार गर्मी अपने चरम स्तर पर पहुंच गई है. जून के आखिरी हफ्ते में पूरे यूरोप का औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है.
पूरे यूरोप में इस बार गर्मी अपने चरम स्तर पर पहुंच गई है. जून के आखिरी हफ्ते में पूरे यूरोप का औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है.
फ्रांस में शुक्रवार को रिकॉर्ड तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके पहले दक्षिण में मॉन्टपेल्लियर में अगस्त 2003 में तापमान 44.1 डिग्री सेल्सयस दर्ज किया गया था.
यूरोप में अगर 40 डिग्री से ज्यादा तापमान पहुंच जाए तो वहां के लोगों के हाथ और पैर में छाले पड़ने लगते हैं. इसका कारण है कि यूरोप 25 डिग्री से 45 डिग्री अक्षांश के बीच आता है. इसे टेम्परेट जोन भी कहा जाता है.
फ्रांस के मौसम विभाग का अनुमान है कि ये तापमान अभी और भी ऊपर जा सकता है. लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए फ्रांस सरकार ने जगह-जगह फव्वारे लगा दिए हैं, जिससे जमीन के तापमान को कम किया जा सके.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोप में बढ़ते तापमान की बड़ी वजह अफ्रीका की ओर से आ रही गर्म हवाएं हैं. हवाएं गर्म होने के कारण फ्रांस में सड़कों पर निकलना काफी मुश्किल हो गया है. लगातार बढ़ती गर्मी को देखते हुए फ्रांस सरकार ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया है.
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉ ने कहा है कि हम देश के लोगों को गर्मी से बचाने के उपायों पर काम कर रहे हैं. बताया जाता है कि पूरे देश के पंखे और एयरकंडीशन बेचे जा चुके हैं.
स्विट्जरलैंड सरकार ने लगातार बढ़ती गर्मी को देखते हुए कई इलाकों में चौथे स्तर की हीट वॉर्निंग जारी कर दी है. चौथे स्तर की हीट वॉर्निंग तब जारी की जाती है जब जरूरत से ज्यादा गर्मी हो.