इसे नए पीढ़ी की जीवनशैली कहें या स्टाइल, लेकिन चार में से एक लड़कियां रोमांस और लंबे रिश्ते के इरादे से नहीं बल्कि मुफ्त का खाना खाने के इरादे से डेट पर जाती हैं. एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. इस नए फिनोमिना को ‘फूडी कॉल’ कहा जाता है जहां लड़कियां किसी ऐसे व्यक्ति को डेट करती हैं जिससे वह प्यार का इरादा न रखकर केवल मुफ्त के खाने का लुफ्त उठाना पसंद करती हैं
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शोध के मुताबिक एक ऑनलाइन अध्ययन में 23 से 33 फीसदी लड़कियों ने इस बात को स्वीकार किया कि वे ‘फूडी कॉल’ में लगी हैं. कैलिफोर्निया स्थित अजुसा पैसिफिक यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-मेरेड के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लड़कियों ने व्यक्तित्व लक्षणों (साइकोपैथी, मैकियावेलिज्म, नार्सिसिज्म) के ‘डार्क ट्रायड’ पर उच्च स्कोर किया, वे एक ‘फूडी कॉल’ की सूची में शामिल हैं.
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सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनैलिटी साइंस नामक पत्रिका में एजुसा पैसिफिक यूनिवर्सिटी के ब्रायन कॉलिसन ने एक लेख में कहा, “कई डार्क लक्षणों को रोमांटिक संबंधों में भ्रामक और शोषणकारी व्यवहार से जोड़ा गया है जिनमें वन नाइट स्टैंड, झूठे संभोग सुख का अनुभव कराना या अनचाही यौन तस्वीरें भेजना शामिल हैं.”
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पहले अध्ययन में 820 लड़कियों को शामिल किया गया. उन्होंने उन सवालों की एक सीरीज का जवाब दिया जो उनके व्यक्तित्व लक्षणों, लिंग भूमिकाओं के बारे में विश्वास और उनके ‘फूड कॉल’ के इतिहास को मापते हैं. उनसे यह भी पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि ‘फूडी कॉल’ सामाजिक रूप से स्वीकार्य है. पहले समूह कि 23 फीसद लड़कियों ने इस बात को स्वीकार किया कि वह ‘फूड कॉल’ में शामिल हैं.
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जानकारी के अनुसार, “अधिकांश ने कभी-कभार या शायद ही कभी ऐसा किया. हालांकि जो महिलाएं एक फूडी कॉल में व्यस्त थीं, उनका मानना था कि यह ज्यादा स्वीकार्य है. इसके अलावा ज्यादातर लड़कियों का मानना है कि फूडी कॉल बेहद अस्वीकार्य हैं.” दूसरे अध्ययन में 357 विषमलैंगिक लड़कियों के प्रश्नों के समान सेट का विश्लेषण किया गया और यह पाया गया कि 33 प्रतिशत ने ‘फूडली कॉल’ में संलिप्त हैं.