टोक्यो. जापान इन दिनों एक अजीबोगरीब समस्या से जूझ रहा है। यहां शादी करने के इच्छुक करीब 47% सिंगल लोगों को उनका मनपसंद पार्टनर नहीं मिल रहा। एक सरकारी सर्वे में यह बात सामने आई है। हालांकि सर्वे में यह भी कहा गया है कि ऐसे 61.4% लोग अपनी स्थिति में सुधार के लिए कोई सकारात्मक कदम भी नहीं उठा रहे।
- एक ऑनलाइन सर्वे में 20 से 40 साल उम्र के चार हजार पुरुष और महिलाओं ने हिस्सा लिया
- 29% पुरुषों ने कहा- पास शादी के लायक पर्याप्त पैसा नहीं
- 31% महिलाओं ने कहा कि वे अपनी आजादी (कम्फर्ट) नहीं खोना चाहतीं
यह रिपोर्ट उस वक्त सामने आई है जब जापान निम्न जन्मदर की समस्या से भी जूझ रहा है। देश में 1899 के बाद अब सबसे कम जन्मदर रिकॉर्ड की गई है।
पार्टनर न मिलने के कई कारण
- क्योदो न्यूज एजेंसी के मुताबिक- शादी न हो पाने की वजह पार्टनर खोजने के लिए मौका न मिलना और आर्थिक तंगी होना है।
- एक ऑनलाइन सर्वे में 20 से 40 साल उम्र के चार हजार पुरुष और महिलाओं ने हिस्सा लिया। इसमें से 47% लोगों ने कहा कि वे शादी के लिए उपयुक्त पार्टनर ढूंढने में नाकाम रहे। सर्वे जापान के कैबिनेट विभाग की सालाना रिपोर्ट के आधार पर कराया गया था। 18 जून को पेश रिपोर्ट में जापान की गिरती जन्मदर का भी जिक्र था।
- सर्वे में शामिल 29% पुरुषों ने कहा कि उनके पास शादी के लायक पर्याप्त पैसा नहीं है। वहीं, 31% महिलाओं ने कहा कि वे अपनी आजादी (कम्फर्ट) नहीं खोना चाहतीं, लिहाजा वे शादी नहीं करेंगी।
- इसी महीने की शुरुआत में एक अन्य सर्वे में कहा गया था कि 2018 में देश की जन्मदर गिरकर 9 लाख 18 हजार 397 पर आ गई है। 1940 के दशक में जापान की जन्मदर 27 लाख थी।
- देश की प्रजनन दर (महिला के जीवन में औसतन बच्चों की औसत संख्या) भी 1.42 तक गिर गई है। यह जनसंख्या को बनाए रखने के लिए जरूरी दर 2.07 से नीचे है। सरकार ने अप्रैल 2026 तक प्रजनन दर को बढ़ाकर 1.8 करने का लक्ष्य रखा है।
- जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी देश में बढ़ती बुजुर्गों की संख्या को राष्ट्रीय समस्या बता चुके हैं। उन्होंने वादा किया है कि लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली नीतियां लाएंगे।
- जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन एंड सोशल सिक्योरिटी रिसर्च का अनुमान है कि 2042 देश में बुजुर्गों (65 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग) की आबादी 3 करोड़ 95 लाख हो जाएगी।