दो और तीन जुलाई की दरमियानी रात में उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर उसके साथियों ने हमला कर दिया था. इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्या का आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को करीब छह दिन बाद गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में गिरफ्तार कर लिया गया. समाचार एजेंसी पीटीआई ने इसकी जानकारी दी.
गिरफ्तारी से पहले आखिरी बार हरियाणा के फरीदाबाद में देखे गए विकास दुबे पर पांच लाख रुपये का ईनाम रखा गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उज्जैन जिलाधिकारी आशीष सिंह ने कहा, ‘विकास दुबे उज्जैन महाकाल मंदिर जा रहा था और इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उसे पहचान लिया. पुलिस को इसकी सूचना दी गई और जोर दिए जाने पर उसने अपनी पहचान बता दी. पुलिस ने उसे पकड़ लिया है और पूछताछ जारी है.’
मध्य प्रदेश में दुबे की गिरफ्तारी पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘पुलिस के लिए यह बड़ी सफलता है. विकास दुबे क्रूर हत्यारा है. पूरी मध्य प्रदेश पुलिस अलर्ट पर थी. उसे उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया. हमने उत्तर प्रदेश पुलिस को इसकी सूचना दे दी है.’
जब मिश्रा से सवाल किया गया कि क्या महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी हुई, तो उन्होंने कहा, ‘मंदिर के बाहर-अंदर को बीच में न लाएं पर उज्जैन में गिरफ्तारी हुई है.’
पुजारी एवं कुछ लोगों ने उसका चेहरा पहचाना और उसके बाद पुलिस को सूचना दी या पुलिस ने सीधे उसे गिरफ्तार किया के सवाल पर मिश्रा ने कहा, ‘इंटेलीजेंस की बात भी बताएंगे. पहले हमें इसके मर्म तक आने दो. बाकी चीजें बाद में बताएंगे, पहले पता करने दो.’
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से वह प्रारंभ से ही क्रूरता की हदें पार करता रहा है और उसने जो कृत्य किया वह बहुत निंदनीय था, बहुत चिंतनीय था. मध्य प्रदेश पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उज्जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी पर बात की है. मध्य प्रदेश पुलिस उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपेगी.’
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इससे पहले गुरुवार सुबह ही विकास दुबे के दो सहयोगियों को अलग-अलग मुठभेड़ में मार गिराया गया. 50 हजार रुपये की ईनामी राशि वाले रणवीर उर्फ भौवा दुबे को इटावा जिले में मार गिराया गया.
वहीं, उत्तर प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय को कानपुर में तब मार गिराया गया जब वह कथित तौर पर पुलिसकर्मी से पिस्टल छीनकर हिरासत से भाग रहा था. दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में दो पुलिस कॉन्स्टेबल भी घायल हो गए.
यूपी एसटीएफ ने बीते बुधवार को एक मुठभेड़ में वांछित गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी सहयोगी अमर दुबे को भी मार गिराया था.
इससे पहले बुधवार की सुबह विकास दुबे के चार सहयोगियों सहित छह लोगों और दो महिला रिश्तेदारों को कानपुर, हरियाणा के फरीदाबाद में गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार तीन जुलाई को एक एनकाउंटर में दुबे के दो सहयोगियों प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे को मार गिराया था.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते (दो और तीन जुलाई की दरमियानी रात में) कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर उसके साथियों ने घात लगाकर हमला किया था. इस वारदात में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे.
मुठभेड़ में जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी, उनमें बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष, शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कॉन्स्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (34), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं.
मालूम हो कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर करीब 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस पर 2.5 लाख रुपये का इनाम रखा गया था, जिसे बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया था.
उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों मौत के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को भी कर्तव्यनिष्ठा पर संदेश के आरोप में सात जुलाई की रात लाइन हाजिर कर दिया गया था.
इसके अलावा कुछ समय पहले कानपुर के एसएसपी रहे एक पुलिस उपमहानिरीक्षक अनंत देव तिवारी को भी स्थानांतरित कर दिया गया है.
इसके अलावा कानपुर पुलिस ने चौबेपुर थाने के पूर्व प्रभारी विनय तिवारी और बिकरू इलाके के बीट प्रभारी (हल्का इंचार्ज) केके शर्मा को मुठभेड़ से पहले की सूचना बदमाशों को लीक करने के आरोप में बीते बुधवार को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि तिवारी और शर्मा पर आरोप हैं कि दोनों ने मुठभेड़ से पहले ही सूचनाएं हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को लीक कीं. दोनों पहले से निलंबित हैं.