जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, वॉयस ऑफ अमेरिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, नार्वे स्थित ‘उइगर हेल्प’ संगठन ने बताया है कि 2016 के बाद से चीनी अधिकारियों ने कम से कम 518 उइगर धार्मिक नेताओं और इमामों को हिरासत में लिया है।
संगठन ने कहा कि इमाम, जो पहले बीजिंग द्वारा प्रशिक्षित और कार्यरत थे, को अब लंबी जेल की सजा सुनाई गई है। इनमें से कुछ की हिरासत शिविरों में मौत भी हो गई।
पकड़े जाने से पहले उन्हें दक्षिणी शिनजियांग के काशगर शहर के येंगिसार काउंटी में स्थित एक मस्जिद में नमाज पढ़ाने के लिए रखा गया था।
उनके परिवार ने चीन सरकार के इस आरोप को खारिज किया है कि वह उइगरों में कट्टरता फैला रहे थे।
हाजीनीम ने वॉयस ऑफ अमेरिका को बताया कि मेरे पिता एक शांतिपूर्ण और कानून का पालन करने वाले धार्मिक व्यक्ति हैं और 2016 के अंत तक उनके पिता को चीन सरकार द्वारा वेतन दिया जाता रहा।
खास बात यह है कि अप्रैल में शिनजियांग स्वायत्त सरकार के एक प्रवक्ता एलिजान एनायट ने अमेरिका पर इमामों की नजरबंदी और उइगर इमामों को प्रताडि़त करने की अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया था।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी अधिकारी इसलिए कट्टरवाद के आरोपों को हवा दे रहे हैं ताकि उइगर और उनके धार्मिक नेताओं के खिलाफ अभियान को तेज कर सकें।
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में चीन में इस्लाम के जानकार रियान थम ने कहा कि चीन के कानून इतने सख्त हैं कि यह आरोप उसके सामने कहीं नहीं ठहरेंगे।