मूसलाधार बारिश से जूझने के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के डोंगरी में मंगलवार को एक चार मंजिला इमारत ढह गई। इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इमारत के मलबे में 40-50 लोगों के दबे होने की आशंका है। 7 घायलों को मलबे से बाहर निकाला गया है। घायलों को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक 15 परिवार अभी भी मलबे में दबे हैं और उन्हें निकालने की कोशिश जारी है। यह बिल्डिंग 100 साल पुरानी है। हमारा पूरा फोकस मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने पर है।
पीएम मोदी ने पीड़ित परिवारों से जताई संवेदना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। PMO के ट्वीट के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा, ‘मुंबई के डोंगरी में इमारत ढहने की घटना पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खो दिया है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। महाराष्ट्र सरकार, NDRF और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव अभियानों में जुटे हुए हैं।’ महाराष्ट्र के आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि डोंगरी में इमारत गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि डोंगरी इलाके में केसरबाई नाम की यह चार मंजिला इमारत लगभग 100 साल पुरानी थी। मंगलवार को करीब 11.30 बजे अचानक इमारत गिर पड़ी। बताया जा रहा है कि इमारत गिरने से इसमें रह रहे तमाम लोग नीचे दब गए। रेस्क्यू के दौरान एक बच्चे को भी मलबे से बाहर निकाला गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।(देखें विडियो)
मौके पर एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और ऐंबुलेंस मौजूद हैं। इमारत संकरी गली में होने के चलते राहत कार्य में परेशानी आ रही है। मौके पर एनडीआरएफ की टीम बुलाई है। गली में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी नहीं जा पा रही है। ये टीमें पैदल ही घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गई हैं। डोंगरी हादसे पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि जो बिल्डिंग गिरी है, उसमें करीब 15 परिवारों के फंसे होने की आशंका है। म्हाडा के नियमानुसार लोगों ने रीडिवेलपमेंट के लिए एक डिवेलपर को अपॉइंट किया था। उसने डिवेलपमेंट क्यों नहीं किया? इसकी जांच कराई जाएगी। फिलहाल अभी पीड़ित परिवारों को सुरक्षित रेस्क्यू कराने पर हमारा जोर है। जो मुआवजा सरकार देती है, वह पीड़ित परिवारों को दिया जाएगा।
जर्जर था इमारत का आधा हिस्सा:
संकरी गली में बनी इस इमारत के नीचे दुकानें बनी थीं, जबकि इसकी ऊपरी मंजिलों पर परिवार रह रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग छह परिवार इस इमारत में रह रहे थे। इमारत का आधा हिस्सा जर्जर था, जिसके गिरने की आशंका पहले से ही थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे आसपास के लोगों में गुस्सा भी है।
इमारत गिरने की तेज आवाज दूर-दूर तक फैल गई। धूल का गुबार उड़ा। सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश जारी है।
बगल वाली बिल्डिंग भी जर्जर:
घटनास्थल पर राहत कार्य के लिए पहुंचे फायर अधिकारियों ने बताया कि जो इमारत गिरी है उससे सटी हुई एक और इमारत है। यह इमारत भी बेहद जर्जर स्थिति में है। इमारत गिरने के बाद इस बगल वाली बिल्डिंग का सपॉर्ट हट जाने के कारण अब दूसरी बिल्डिंग गिरने की आशंका भी तेज हो गई है। लोगों को इस बिल्डिंग से दूर हटाया जा रहा है।
मलबे में दबे लोगों की बाहर निकालने की कोशिश:
हादसे से प्रभावित लोगों के लिए बीएमसी ने इमामबाड़ा म्युनिसिपल सेकंडरी गर्ल्स स्कूल में शेल्टर होम बनाया है। लोगों को वहीं सुरक्षित रखा गया है। फिलहाल आसपास की इमारतें खाली करा ली गई हैं। मरने वाले दो लोगों में एक बिल्डिंग के मालिक अब्दुल सत्तार कल्लू शेख भी शामिल हैं।
देखें मृतकों और घायलों के नाम:
साबिया निसार शेख (25), अब्दुल सत्तार कालू शेख (55), मुजामिल मंसूर सलमानी (15) और सायरा रेहान शेख (25) की हबीब हॉस्पिटल में मौत हो गई। वहीं, फिरोज नाजिर सलमानी (45), आइसा शेख (03), सलमा अब्दुल सत्तार शेख (55), अब्दुल रहमान (3), नावेद सलमानी (35), इमरान हुसैन कलवानिया (30), जाविद (30) और जीनत (25) का इलाज जेजे हॉस्पिटल में चल रहा है। एक अज्ञात घायल को हबीब हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।