चाहकर भी फोन की लत नहीं छोड़ पा रहे 19 प्रतिशत लोग
एम्स की एक स्टडी में 14 प्रतिशत लोग मोबाइल अडिक्शन के शिकार पाए गए, जिन्हें इलाज की जरूरत महसूस की गई। ये 14 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो मोबाइल अडिक्शन साबित करने वाले 3 से 6 लक्षण खुद कबूल कर रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार अगर किसी में अडिक्शन के 3 लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें मोबाइल का अडिक्ट माना जाता है और सबसे ताज्जुब की बात यह है कि 19 प्रतिशत लोग चाहकर भी स्मार्टफोन की लत को छोड़ नहीं पा रहे हैं।
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फोन अडिक्शन की वजह से दूसरी चीजों से मोह हुआ भंग
एम्स की इस स्टडी में 24.8 प्रतिशत लोगों ने माना कि मोबाइल के बिना उन्हें खालीपन महसूस होता है। इसके बाद 21.4 प्रतिशत लोगों ने मोबाइल के यूज को जुनून करार दिया। 19.4 प्रतिशत ने माना कि वे मोबाइल की लत को छोड़ना चाहते हैं लेकिन इससे बाहर नहीं निकल पा रहे। यही नहीं 19.7 प्रतिशत ने इस सवाल पर सहमति जताई कि लत इतनी हो गई है कि दूसरी चीजों से मोह भंग हो गया है। यही नहीं 13 पर्सेंट ने यह भी माना कि वे मोबाइल की वजह से आपसी संबंध को इग्नोर करने लगे हैं।
बेवजह फोन स्क्रॉलिंग का ये है कारण
आखिर क्यों हम बेवजह फोन स्क्रॉल करते रहते हैं? तो इसका जवाब ये है कि पहले जब स्मार्टफोन और इंटरनेट नहीं था तब लोग खुद को और अपने ब्रेन को इंगेज रखने के लिए आउटडोर गेम्स खेलते थे, गॉसिपिंग करते थे, रीडिंग, राइटिंग, कलरिंग, सिंगिंग, डांसिंग, गार्डनिंग जैसी हॉबीज को टाइम देते थे जिससे हमारा ब्रेन हर वक्त इंगेज रहता था। लेकिन अब स्मार्टफोन के दौर में बेवजह फोन स्क्रॉल करने की बुरी आदत लोगों को लग चुकी है। ऐसे में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप इस बुरी आदत से छुटकारा पा सकते हैं।
ऐसे करें खुद पर काबू
– सबसे पहले खुद पर संयम बनाये रखें, खुद को गैजेट्स से जुड़ी गतिविधियों से दूर रखने की कोशिश करें।
– फोन से दूर रहने के लिए प्लानिंग करें। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
– जरूरी होने पर ही अपने फोन का इस्तेमाल करें। दिनभर ऑनलाइन रहने की बजाय सिर्फ काम के वक्त ही ऑनलाइन रहें।
– खुद को रिलैक्स रखने के लिए वॉक पर जाएं। ऐसे कामों में अपना मन लगाएं, जिसमें आपको खुशी मिलती हो।