मुजफ्फरपुर. यहां मस्तिष्क ज्वर (एईएस) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। बुधवार दोपहर तक श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित 5 बच्चों ने दम तोड़ दिया। यहां 19 दिनों में इस बीमारी से 149 बच्चों की मौत हो चुकी है।
एसकेएमसी हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील कुमार शाही ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित 68 बच्चे अभी आईसीयू में एडमिट हैं और 65 बच्चों का इलाज सामान्य वार्ड में चल रहा है। उन्होंने कहा कि बीमारी से बच्चों के ठीक होने की दर में इजाफा हुआ है। परिजन बच्चों को जल्द हॉस्पिटल ला रहे हैं, जिससे जान बचाने में कामयाबी मिल रही है।
शाही ने हॉस्पिटल आ रहे राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से निवदेन किया कि वे उन इलाकों में जाएं, जहां के बच्चे बीमार हो रहे हैं और जागरूकता फैलाएं। इस समय हॉस्पिटल में कार्यकर्ताओं की कोई जरूरत नहीं।
हॉस्पिटल में कैदी वार्ड को खाली कराया गया
बच्चों के इलाज के लिए अधिक जगह बन सके, इसलिए हॉस्पिटल में कैदी वार्ड को खाली कराया गया। इस वार्ड में एसी व अन्य जरूरी सुविधाएं लगाई गई हैं। आईसीयू और सामान्य वार्ड में भी एसी की संख्या बढ़ाई गई है। हालांकि, बिजली का बढ़ा लोड ट्रांसफॉर्मर उठा नहीं पा रहे हैं। इसके चलते बार-बार बिजली कट रही है।
सुशील मोदी ने नहीं दिया बच्चों की मौत पर जवाब
मस्तिष्क ज्वर से बच्चों की हो रही मौत पर किए सवाल से उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बुधवार को बचते नजर आए। बैंकर्स मीट के बाद आयोजित कॉन्फ्रेंस में जैसे ही उनसे बच्चों की मौत पर सवाल पूछे गए, उन्होंने टाल दिया। कहा कि कॉन्फ्रेंस बैंकर्स समिति की बैठक के संबंध में आयोजित की गई। इस संबंध में कोई सवाल हो तो पूछें। इससे इतर सवाल के लिए आगे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।
लक्षण: तेज बुखार के बाद शरीर में होती है ऐंठन
मस्तिष्क ज्वर यानी एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से ग्रसित बच्चों को पहले तेज बुखार और शरीर में ऐंठन होती है। फिर बच्चे बेहोश हो जाते हैं। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी के मुताबिक, इस तरह के लक्षण की स्थिति में बच्चों के परिजन और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उत्तरी बिहार में इसे चमकी बुखार के नाम से जाना जाता है।