मुंबई: मुंबई में बकरीद पर अब घरों और सोसाइटी में कुर्बानी करने पर रोक लगा दी गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बकरीद पर गैरकानूनी तरीके से होने वाली कुर्बानी को लेकर दायर एक याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया. हाईकोर्ट ने कहा कि केवल सरकार की ओर से अधिकृत किये गए कत्लखानों में कुर्बानी की जा सकती है. बता दें, इस बार 12 अगस्त को बकरीद मनाई जाएगी. हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक अब बकरीद (Bakrid) पर लोग केवल सरकार की ओर से अधिकृत कत्लखानों में ही कुर्बानी हो सकती है. मुंबई शहर में अधिकृत 58 इलाकों में कुर्बानी हो सकेगी. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, ऑटो रिक्शा स्टैंड सहित कोई सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी पर रोक लगाई गई है. धार्मिक जगहों पर कुर्बानी के लिए हेड इंस्पेक्टर मार्केट से अनुमति लेनी होगी.
अदालत के इस निर्णय का असर करीब 8 हजार लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें बीएमसी ने कुर्बानी की अनुमति दी हुई है. इसके अलावा इस मामले से जुड़े एक और आदेश में अदालत ने जानवरों को लाने, ले जाने के लिए बने नियमों का सही तरीके से पालन करने के लिए बीएमसी और सरकार को दिशानिर्देश जारी किए हैं.
वहीं, उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने निर्देश दिया है कि बकरीद (Bakrid) पर कुर्बानी के दौरान जानवरों का खून सीधे बहकर यमुना में नहीं जाना चाहिए. नगर निकाय ने पांच अगस्त के अपने आदेश में कहा कि ईद के दिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाला गाजीपुर बूचड़खाना खुला रहता है और उस दिन भेड़, बकरे तथा भैंसों की कुर्बानी देने की इच्छा रखने वाले लोगों को बूचड़खाने में मौजूद सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए.
आदेश में कहा गया है कि भेड़, बकरों और भैंसों की अपने परिसरों में कुर्बानी देने की इच्छा रखने वालों के लिए जरूरी है कि वे कुर्बान किए गए जानवरों के जैविक कचरे का निपटान सही ढंग से करें. एनडीएमसी की पशु चिकित्सा सेवाओं के उपनिदेशक वाई कुमार ने कहा कि आदेश की अवहेलना करने पर प्रदूषण फैलाने के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा निर्धारित जुर्माना लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि ईद के अवसर को छोड़कर निजी स्थानों पर जानवरों के वध की अनुमति नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी के मांस विक्रेता केवल पूर्वी दिल्ली नगर निगम के बूचड़खाने में जानवरों का वध कर सकते हैं. एनजीटी नियुक्त यमुना निगरानी समिति ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने जानवरों के वध के संदर्भ में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है.