2016 में केले के थंब (तना) से बिजली उत्पन्न होने की खोज कर चर्चा में आए बिहार के युवा वैज्ञानिक गोपाल एक और उपलब्धि हासिल करने वाले हैं। अमेरिका के अंतरिक्ष रिसर्च संस्थान (नासा) ने उन्हें अपने नए प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए बुलावा भेजा है। यह प्रोजेक्ट है गोपनियम एलोई। इस प्रोजेक्ट के लिए गोपाल ने नासा से संपर्क किया था।
गोपाल भागलपुर के ध्रुवगंज खरीक बाजार के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि गोपनियम एलोई पर नासा के साथ काम करेंगे। अगर प्रोजेक्ट सफल रहा तो सूर्य का अध्ययन करना आसान हो जाएगा। गोपनियम एलोई हाफनियम, टेंटिलुनियम, कार्बन और नाइट्रोजन का मिश्रण है। उन्हें इसका आइडिया साइंस फिक्शन पर आधारित एक फिल्म से आया था।
दूसरी तरफ, केले के थंब से बिजली पैदा होने की गोपाल की खोज पर आधारित प्रोजेक्ट का पेटेंट 2018 में हो चुका है। युवा वैज्ञानिक ‘पेपर बायो सेल’ और ‘बनाना बायो सेल’ की खोज के बाद 4 साल के लिए भारत सरकार के साथ अनुबंधित हैं और अभी इसका एक साल ही पूरा हुआ है।
देहरादून के ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के लैब में कर रहे हैं काम
वर्तमान में देहरादून के ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के लैब में काम कर रहे गोपाल ने बताया कि केले के थंब से बिजली उत्पन्न करना आसान है। इसके लिए केले के थंब में दो इलेक्ट्रोड लगाना होता है जो बाजार में मिल जाता है। दोनों इलेक्ट्रोड से बिजली के तार जोड़कर, उन्हें बल्ब से कनेक्ट करने पर बल्ब जलने लगता है। अभी वह केले के थंब से सेनिटरी नैपिकन, बैंडेज, यूरिया, बेबी पैंपर तैयार करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।