नई दिल्ली : ट्रैफिक के सख्त नियम लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर के पेट्रोल पंप्स पर काफी भीड़ देखी जा रही है। ये भीड़ पेट्रोल-डीजल भरवाने वालों की नहीं बल्कि पलूशन करवानेवालों की है। आखिर हो भी क्यों नहीं, पलूशन का चालान जो पहले हजार रुपये का था, वह अब 10 हजार का जो हो गया है। आलम यह है कि राजधानी के 950 सेंटर्स पर ही चार दिन में 1.28 लाख गाड़ियों के PUC सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं।
पलूशन चेकिंग सेंटर्स पर इन दिनों ऐसी गाड़ियां भी आ रही हैं, जिनका सालों से पलूशन चेक नहीं हुआ था। पुराने नियम में वैध PUC सर्टिफिकेट न होने पर 1000 रुपये का जुर्माना था, जो अब 10 हजार हो गया है।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक सीनियर अफसर ने बताया कि दिल्ली में रोज 12-15 हजार गाड़ियों का पलूशन चेक होता था। यह तादाद बढ़कर अब 44 हजार के करीब पहुंच चुकी है। कनॉट प्लेस के ऐसे ही एक सेंटर पर अधिकारियों ने बताया कि पहले जहां 60 से 100 लोग रोज यहां आते थे, अब यह तादाद 200 पार कर गई है। इससे लोगों को सेंटर में ज्यादा वक्त भी लग रहा है। सर्वर स्लो होने की समस्या से सिस्टम भी धीमा काम कर रहा है। पहले 3 से 5 मिनट में PUC सर्टिफिकेट जारी हो जाता था, लेकिन अब 30 मिनट तक की देरी हो रही है।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि नए नियम लागू होने से पहले दिल्ली में पीयूसी सेंटर्स पर औसतन 12 से 15 हजार गाड़ियों की चेकिंग होती थी। लेकिन 1 सितंबर के बाद यह संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार को तो शाम तक 38,000 गाड़ियों की चेकिंग हो चुकी थी। यह संख्या पहले की तुलना में चार गुना तक ज्यादा है। 1 से 4 सितंबर तक 1.28 लाख गाड़ियों की चेकिंग हो चुकी है।
अधिकारियों का कहना है कि जब सेंटर्स पर आने वाली गाड़ियों की संख्या तीन से चार गुना तक बढ़ेगी तो सर्वर को लेकर कुछ परेशानी आ रही है। हालांकि कहा जा रहा है कि परमानेंट तौर पर सिस्टम डाउन नहीं हुआ है, लेकिन आम लोगों का कहना है कि कई बार सर्वर ठप हो जाता है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का कहना है कि पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है और आईटी डिपार्टमेंट को भी कहा गया है कि सर्वर स्लोडाउन की समस्या को दूर किया जाए। सर्वर पर एक साथ इतने ज्यादा ट्रैफिक की उम्मीद नहीं थी लेकिन अब सिस्टम को और बेहतर किया जा रहा है।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि गाड़ियों की पलूशन जांच करवाने वालों से मोबाइल नंबर भी लिया जाता है और पलूशन सर्टिफिकेट की समय सीमा खत्म होने से एक हफ्ते पहले मेसेज भेजा जाता है। उसके बाद जिस दिन सर्टिफिकेट खत्म होने वाला होता है, उस समय भी मेसेज भेजा जाता है, लेकिन अब जब नया कानून लागू हुआ तो लोग गाड़ियों की जांच करवाने के लिए सेंटर्स पर आ रहे हैं।