क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो जिम की फीस तो भर देते हैं लेकिन जिम जाने के लिए उनके पास टाइम ही नहीं होता? अगर हां तो परेशान होने और चिंता करने की जरूरत नहीं है। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो घर पर वर्कआउट करना भी जिम में एक्सर्साइज करने जितना ही फायदेमंद है। इतना ही नहीं, घर में ही वर्कआउट करने से न सिर्फ आपका समय बचता है बल्कि पैसे भी बच जाते हैं।
द जर्नल ऑफ फिजियॉलजी में नाम की पत्रिका में इस स्टडी के नतीजे प्रकाशित किए गए। इस स्टडी में घर पर ही हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग यानी HIIT प्रोग्राम की जांच की गई और खासतौर पर यह देखा गया कि इस तरह के होम बेस्ड प्रोग्राम का मोटापे का शिकार व्यक्ति जिनमें दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा अधिक होता है, का क्या असर पड़ता है।
मोटापे का शिकार 32 लोगों को 12 हफ्ते करवाई गई एक्सर्साइज
लिवरपूल जॉन मूर्स यूनिवर्सिटी और इस स्टडी के ऑथर सैम स्कॉट ने कहा, होम बेस्ड HIIT प्रोग्राम से जुड़े एक्सर्साइज न सिर्फ समय और पैसे की बचत करते हैं बल्कि वैसे व्यक्ति जो पहले इनऐक्टिव रहते थे उनमें एक्सर्साइज के प्रति निष्ठा को बढ़ाते हैं जिससे कई लोगों की सेहत और बेहतर होती है। इस स्टडी के लिए मोटापे का शिकार 32 लोगों को 12 हफ्ते का एक्सर्साइज प्रोग्राम करवाया गया। इन प्रतिभागियों के सेहत से जुड़े कई मापदंडों की भी जांच की गई जिसमें बॉडी कॉम्पोजिशन, दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा और शरीर में ग्लूकोज को रेग्यूलेट करने की क्षमता जैसी चीजें शामिल है।
3 अलग-अलग ग्रुप्स में बांटकर नतीजे देखे गए
इन 32 लोगों को 3 अलग-अलग ग्रुप्स में बांटा गया। पहला- वैसे लोग जिन्होंने लैब बेस्ड साइक्लिंग HIIT प्रोग्राम किया, दूसरा- वैसे लोग जिन्होंने यूके सरकार द्वारा बताए गए 150 मिनट का मॉडरेट इंटेंसिटी एक्सर्साइज किया और तीसरा- वैसे लोग जिन्होंने होम बेस्ड HIIT प्रोग्राम से जुड़े सिंपल बॉडी वेट एक्सर्साइज किया जो वैसे लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें बहुत ज्यादा फिटनेस की जरूरत नहीं और यह बिना किसी equipment के किया जाता है। अनुंसधानकर्ताओं ने पाया कि होम बेस्ड HIIT प्रोग्राम भी मोटापे से परेशान व्यक्तियों की फिटनेस बेहतर करने में उतना ही असरदार था जितना बाकी दो प्रोग्राम।