किसी भी हीरो को हीरो बनाने के पीछे विलन का हाथ सबसे बड़ा होता है। सोचिए अगर मोगैंबो नहीं होता तो मिस्टर इंडिया हीरो कैसे बनता! आज बॉलिवुड के एक ऐसे ही विलन जिन्हें पर्दे पर देखकर अच्छे-अच्छों को दहशत होने लगती थी, का जन्मदिन है। जी हां हम बात कर रहे हैं अमरीश पुरी की जिनकी पर्दे पर दमदार मौजूदगी से हीरो भी इनसिक्यॉर होने लगते थे।
अमरीश पुरी ने 30 साल की उम्र में फिल्मों में डेब्यू किया था। देव आनंद की फिल्म प्रेम पुजारी (1970) में उनका छोटा सा रोल था। इसके बाद 1972 में उन्होंने फिल्म रेशमा और शेरा में काम किया जिससे उन्हें पहचान मिली। हालांकि विलन के रूप में चाहे वह मिस्टर इंडिया का मोगैंबो हो, विधाता का जगावर, मेरी जंग का ठकराल, त्रिदेव का भुजंग, घायल का बलवंत, करण अर्जुन का दुर्जन सिंह…उनका हर किरदार इन फिल्मों का नाम लेते ही लोगों के जेहन में ताजा हो जाता है। वैसे विलन को खतरनाक बनाने के पीछे उसके डायलॉग्स की बड़ी भूमिका होती है ऐसे में देखें उनके कुछ चर्चित डायलॉग्स…
मोगैंबो खुश हुआ
फिल्म मिस्टर इंडिया 1987 में आई थी। इस फिल्म में सीधे-सादे अरुण वर्मा को हीरो मिस्टर इंडिया बनाने में विलन मोगैंबो यानी अमरीश पुरी का बड़ा रोल था। अगर आप फिल्म को याद करें तो भले ही अनिल कपूर का नाम अरुण वर्मा न याद आए लेकिन मोगैंबो सबको याद है।
जो जिंदगी मुझसे टकराती है…
घायल के कई डायलॉग्स पॉप्युलर हैं। उनमें से अमरीश पुरी का डायलॉग ‘जो जिंदगी मुझसे टकराती है वो सिसक-सिसस कर दम तोड़ती है’, सुनकर दर्शकों के मन में घबराहट पैदा होने लगती थी।
आओ कभी हवेली पर
नगीना फिल्म में अमरीश पुरी का डायलॉग आओ कभी हवेली पर लोगों के मन में डर पैदा कर देता था। इस फिल्म में अमरीश पुरी ने लंबे बालों वाले तांत्रिक का रोल प्ले किया था। हालांकि अब उनका यह डायलॉग मीम्स के रूप में इंटरनेट पर छाया रहता है।
डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता
तहलका फिल्म में डॉन्गरीला के बादशाह बने अमरीश पुरी ने लोगों को खूब डराया था। वह डॉन्ग के रोल में थो जो स्कूल की बच्चियों को किडनैप करके उन्हें सुइसाइड बॉम्बर बनाता था। खतरनाक हरकतों के साथ उनका डायलॉग था डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता, जिसे बोलते ही आज भी अमरीश पुरी का चेहरा लोगों के सामने आ जाता है।
जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी
दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे में अमरीश पुरी एक सख्त पिता के रोल में हैं लेकिन उनका रोल इतना दमदार है कि उनके पर्दे पर आते ही सिमरन और राज की तरह दर्शकों के मन में भी घबराहट आ जाती थी। उनका डायलॉग, जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी, आज भी बेहद पॉप्युलर है।