नई दिल्ली
हुवावे पर लगे अमेरिकी बैन के बाद से इस बात की काफी चर्चा हो रही थी कि अब वह अपने स्मार्टफोन्स में कौन सा ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध कराएगा। कुछ दिन पहले खबरे आई थीं कि कंपनी ने अपना खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम HongMeng लगभग तैयार कर लिया है और जल्द ही इसे डिवाइसेज में उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, अब जो ताजा खबर आ रही है उसके मुताबिक हुवावे अपने डिवाइसेज में रूसी ऑपरेटिंग सिस्टम Aurora का इस्तेमाल कर सकता है।
शुक्रवार को रूस की एक न्यू एजेंसी ने बताया कि रूस के उप-संचार मंत्री ने कहा है कि हुवावे अपने डिवाइसेज में ऑरोरा ऑपरेटिंग सिस्टम के इस्तेमाल करने के सिलसिले में संचार मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत करने वाला है।
बताया जा रहा है कि हुवावे ने यह कदम अमेरिका द्वारा लगाए गए बैन से आने वाले समय में होने वाले गंभीर परिणाम को देखते हुए उठाया है। अमेरिका द्वारा हुवावे पर लगाए गए ट्रेड बैन के पूरी तरह से लागू होने के बाद कोई भी अमेरिकी कंपनी हुवावे को अपनी टेक्नॉलजी नहीं बेच पाएगी।
हुवावे ने एक अनुमान लगाते हुए कहा है कि बैन के कारण अगले दो साल में कंपनी को 30 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। कंपनी के फाउंडर और सीईओ रेन जेंगफाइ ने इशारा करते हुए कहा हुवावे के सेलफोन्स की बिक्री में 40 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।
इस वक्त अमेरिका ने हुवावे को 90 दिन की मोहलत दी है, लेकिन अगर इस बीच अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील नहीं हुई तो हुवावे को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। बैन के कारण गूगल जैसी कंपनियां हुवावे से ऐंड्रॉयड लाइसेंस वापस ले लेंगी। इस कारण हुवावे के डिवाइसेज पर गूगल प्ले स्टोर, प्ले प्रटेक्ट, सिक्यॉरिटी अपडेट जैसे और कई फीचर्स नहीं मिलेंगे। इतना ही नहीं हुवावे के स्मार्टफोन्स पर गूगल मैप्स और यूट्यूब भी काम नहीं करेंगे।
रूस का ऑरोरा ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स सेलफिश ओएस लिनक्स (Linux) पर बेस्ड है जिसे फिनलैंड की कंपनी जॉल्ला ने डिवेलप किया है। मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के मामले में सेलफिश ज्यादा पॉप्युलर नहीं है और यह ऐंड्रॉयड और आईओएस की तुलना में काफी पीछे है।
हालांकि, इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें यूजर्स की प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी ऐंड्रॉयड और आईओएस से काफी बेहतर है। जहां तक हुवावे के खुद के ऑपरेटिंग सिस्टम की बात है कहा जा रहा है कि हुवावे इसे इस साल अगस्त या सितंबर में लॉन्च कर देगा। वहीं इसका ग्लोबल लॉन्च अगले साल की दूसरी तिमाही में होने की संभावना है।