मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग की घटनाएं देश में लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसको लेकर राजस्थान सरकार ने विधानसभा में दो विधेयक मंगलवार को विधानसभा में पेश किए।
इस बिल के मुताबिक मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने के बाद 7 साल से लेकर आजीवान कारावास और 25 हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। बिल के मुताबिक लिंचिंग रोकने के लिए प्रदेश में नोडल अधिकारी लाया जाएगा, जो कि पुलिस महानिरीक्षक के स्तर का होगा।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान सम्मान और परंपरा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक, 2019 और राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक, 2019 को सदन में पेश किया। विधेयक के अनुसार कथित सम्मान के लिए की जाने वाली हिंसा व कृत्य भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध हैं और इन्हें रोकना जरूरी है।
उच्चतम न्यायालय ने 17 जुलाई को अपने निर्णय में इस संबंध में कानून बनाने की सिफारिश की थी। मॉब लिंचिंग पर लगाम लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक के अनुसार, भारत का संविधान समस्त लोगों को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता और विधियों के समान संरक्षण के अधिकार देता है।
हाल में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं, जिनके परिणामस्वरूप मॉब लिंचिंग के कारण व्यक्तियों की जीविका की हानि और उनकी मृत्यु हुई है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को बजट भाषण के जवाब के दौरान मॉब लिंचिंग और आनॅर किलिंग को रोकने के लिए कानून बनाने की घोषणा की थी।