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Thursday, January 16, 2025

इजरायल ने 15 घंटे में तोड़ दिया 15 महीने बाद हुआ सीजफायर, गाजा में की बमबारी, 73 की मौत

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तेल अवीव: इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच हुए सीजफायर के ऐलान को 24 घंटे भी नहीं बीते थे. इसी बीच सीजफायर तोड़ दिया गया. गुरुवार को इजरायली सेना ने गाजा पर फिर से एयर स्ट्राइक की, जिसमें कम से कम 73 लोगों की मौत की खबर है. Sky News और AFP की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार तड़के इजरायल ने गाजा पर आसमान से बम बरसाए थे. AFP ने गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के हवाले से बताया कि इजरायल की एयरस्ट्राइक में महिलाओं और बच्चों की भी जान गई है. 200 से ज्यादा नागरिक जख्मी हुए हैं.

गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बसल ने AFP को बताया, “जब से गाजा पट्टी पर सीजफायर समझौते का ऐलान हुआ है, तब से इजरायल की ऑक्यूपेशन फोर्स ने 73 लोगों को मार डाला है. इसमें 20 बच्चे और 25 महिलाएं शामिल हैं. इजरायल की सेना अभी भी बमबारी कर रही है.”

ट्रंप ने सीजफायर की बात की थी कंफर्म
गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है. बीती रात को ही दोनों के बीच सीजफायर पर सहमति बनने की रिपोर्ट आई थी. यहां तक की अमेरिका में 20 जनवरी को राष्ट्रपति की शपथ लेने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने भी ‘ट्रूथ’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सीजफायर की बात कंफर्म की थी. बाद में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से बयान जारी करके बताया गया कि 15 महीने से चल रही जंग रोकने के लिए कई बातों पर सहमति बन गई है. लेकिन, कुछ पॉइंट पर अभी पूरी सहमति होनी बाकी है. देर रात कर सारी चीजें फाइनल हो जाएंगी.

फिर नेतन्याहू ने कैबिनेट मीटिंग में जाने से किया इनकार
इजरायल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजफायर डील को फाइनल मंजूरी देने के लिए गुरुवार को इजरायली कैबिनेट की एक मीटिंग होने वाली थी. ऐन वक्त पर PM नेतन्याहू ने इस मीटिंग में जाने से मना कर दिया. नेतन्याहू के ऑफिस ने आरोप लगाया कि हमास सीजफायर डील की शर्तों ने पीछे हट गया है. हमास तय लिमिट से ज्यादा छूट मांग रहा था. इसे मंजूर नहीं किया जा सकता. रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने इजरायल के आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि सीजफायर की सभी शर्तों पर हमास कायम है.

सीजफायर के खिलाफ ड़कों पर उतरे इजरायल के राइट विंग के लोग
जहां अमेरिका-भारत समेत कई देशों ने इजरायल और हमास के बीच सीजफायर डील को अच्छा कदम बताया. वहीं, इजरायल के अंदर ही इस डील के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं. इजरायल में राइट विंग के लोगों ने मंगलवार से ही संभावित डील के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका कहना है कि हमास से सीजफायर डील का मतलब ये हुआ कि इजरायल उसके सामने झुक गया है. हमास ने इजरायलियों का कत्लेआम किया है. इस डील से इजरायल कमजोर होगा. इसलिए हमास के साथ कोई डील नहीं करनी चाहिए.

टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के सीनियर नेता खलील अल हय्या ने सीजफायर पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे इजरायल की हार करार दिया था. खलील ने कहा कि इसे भावी पीढ़ियों को गर्व के साथ बताया जाएगा. लेकिन, गुरुवार सुबह इजरायल की सेना ने गाजा पर फिर से एयर स्ट्राइक कर दी.

पहले 42 दिनों के सीजफायर की हो रही थी बात
इससे पहले न्यूज एजेंसी AFP ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इजरायल और हमास के बीच सीजफायर का पहला फेज कुल 42 दिनों का हो सकता है. सीजफायर डील के पहले फेज में हमास 33 बंधकों को रिहा कर सकता है, जिनमें 5 महिलाएं शामिल हैं. जबकि इजरायल इसकी एवज में 250 फिलिस्तीन कैदियों को छोड़ेगा. इसके 15 दिन बाद हमास बाकी बंधकों को रिहा करेगा. इस बीच दोनों पक्ष पर्मानेंट सीजफायर को लेकर भी बात करते रहेंगे.

सीजफायर डील को लेकर 14 जनवरी को कतर में इजरायल और हमास के बीच आखिरी बात हुई थी. कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल अल थानी ने इस बातचीत को होस्ट किया. सीजफायर डील के लिए इजरायल की तरफ से खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ डेविड बार्निया और शिन बेट चीफ रोनेन बार शामिल हुए थे. अमेरिका की तरफ से ट्रंप के प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ और बाइडेन के प्रतिनिधि ब्रेट मैकगर्क मौजूद रहे.

ट्रंप और बाइडेन दोनों ने लिया सीजफायर का क्रेडिट
बुधवार देर इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट लेने की होड़ भी देखी गई. डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर पोस्ट करके सीजफायर और इजरायली बंधकों की रिहाई का क्रेडिट लिया. ट्रंप ने कहा, “मिडिल ईस्ट में बंधकों की रिहाई को लेकर डील फाइनल हो गई है. गाजा में बंधक बनाए गए लोगों को हमास जल्द रिहा करेगा. ये ऐतिहासिक समझौता, राष्ट्रपति चुनाव में हमारी जीत की वजह से हो पाया.”

जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में अपने आखिरी स्पीच में सीजफायर डील का जिक्र किया. बाइडेन ने कहा, “सीजफायर के लिए हमारे कूटनीतिक प्रयास कभी रुके नहीं. यह समझौता हमास पर बढ़ते दबाव, क्षेत्रीय समीकरणों में बदलाव और लेबनान में सीजफायर के बाद ही संभव हो सका.”

भारत ने सीजफायर को बताया था अच्छा कदम
भारत ने भी इजरायल-हमास के बीच सीजफायर और बंधकों की रिहाई की डील पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे बेहतरीन कदम बताया था. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को वेबसाइट पर आधिकारिक बयान जारी किया. विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता सुनिश्चित हो पाएगी. हमने हमेशा सभी बंधकों की रिहाई, युद्धविराम और संवाद और कूटनीति के मार्ग पर लौटने की अपील की है.”

7 अक्टूबर 2023 को हमास ने किए थे रॉकेट हमले
वैसे से इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से दुश्मनी चली आ रही है. लेकिन, 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर अब तक सबसे बड़ा हमला किया था. हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की ओर कम से कम 5000 रॉकेट दागे थे. हमास के लड़ाकों ने सुरंग के रास्ते से इजरायल में घुसपैठ की और इजरायली नागरिकों का कत्लेआम किया था.

251 लोगों को बंधक बनाकर ले गया था हमास
रॉकेट हमले के बाद हमास के लड़ाके 251 इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर ले गए थे. इन्हें गाजा में सुरंग के अंदर छिपाया गया. इनमें से कुछ को पहले ही सीजफायर में रिहा किया गया है. अभी 94 लोग बंधक हैं, जबकि इजरायली मिलिट्री के मुताबिक, 34 की मौत हो चुकी है.

इजरायल के PM ने कही थी हमास के खात्मे की बात
इजरायली मीडिया के मुताबिक, हमास के हमलों में 1200 लोगों की जान गई थी. इन हमलों के अगले ही दिन से इजरायल ने हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी थी. इजरायल के PM बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खात्मे की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि जब तक इजरायल गाजा में हमास का नाम-ओ-निशान नहीं मिटा देता, तब तक जंग जारी रहेगी.

पहले जमीनी और फिर हवाई कार्रवाई
इजरायल ने गाजा पट्टी पर पहले जमीनी कार्रवाई की. फिर हवाई हमले भी करने लगा. हर रोज इजरायल की मिसाइलें गाजा पट्टी पर बम गिराती हैं.

जंग में अब तक कितनी मौतें?
UN की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पट्टी में जारी जंग में अब तक 46 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जंग अब तक 46,006 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. 109,378 घायल हुए हैं. इजरायली सेना ने बिना कोई सबूत दिए कहा है कि उसने 17,000 से अधिक हमास के लड़ाकों को मार गिराया है. हालांकि, वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा है.

आइए अब जानते हैं क्या होता है सीजफायर? सीजफायर के होते हैं कौन-कौन से नियम? ये जंग खत्म होने से कितना अलग:-

क्या है सीजफायर?
सीजफायर का मतलब कुछ समय के लिए हमले रोकना होता है. इसका मतलब जंग रोकना या खत्म करना नहीं होता. ये वास्तव में युद्धरत पक्षों के बीच एक डेडलाइन के लिए हिंसा को रोकने का एक तरीका है. वैसे
अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून में सीजफायर को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि ये कब की जानी चाहिए? इसे कैसे लागू किया जाना चाहिए.

सीजफायर और ओपनफायर में क्या फर्क
जंग में दो शब्द बहुत इस्तेमाल होते हैं. पहला तो सीजफायर और दूसरा ओपनफायर. सीजफायर का मतलब होता है-हमले रोकना. ओपनफायर का मतलब होता है-हमला करना.

सीजफायर के दौरान क्या होता है?
-सीजफायर के दौरान दोनों पक्ष या देश एक-दूसरे पर किसी भी तरह की आक्रामक कार्रवाई नहीं करने का वादा करते हैं.
– इसे एक औपचारिक समझौता माना जाता है. इसके तहत जो काम बंद थे, उन्हें फिर से शुरू किया जाता है.
-नागरिकों को रोजमर्रा के कामों को लेकर रियायत दी जाती है. इस दौरान विस्थापित लोगों को अपनी पुरानी जगह पर लौटने की परमिशन मिलती है. जंग में फंसे लोगों को रेस्क्यू का काम किया जाता है. बंधकों की अदला-बदली भी होती है.

सीजफायर उल्लंघन क्या है?
अगर इस समझौते के बाद भी कोई एक पक्ष या देश आक्रमक कार्रवाई या हमला करता है तो उसे सीजफायर का उल्लंघन कहा जाता है.

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