प्रयागराज: उत्तर प्रदेश का महाकुंभ मेला शुरूआत से ही सुर्खियों में है. ये मेला पहले से ही अपने अद्भुत आयोजन के लिए सुर्खियों में है. ऐसे में इंतजामिया की तरफ से जब कहा गया कि मेले में मुस्लिम बिरादरी के लोग मेला नहीं लगाएंगे, तो ये मेला सुर्खियों में आ गया. ताजा मामला उस जमीन से है, जहां पर कुंभ मेला हो रहा है. इसी बीच मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कुंभ मेले की जगह को वक्फ की जमीन करार दिया है. इस पर हंगामा होने लगा है.
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी का कहना है कि संगम रेती पर लगने वाला महाकुंभ मेला वक्फ की जमीन पर लगता है. ये जमीन 54 बीघे हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में मौलाना शहाबुद्दीन समेत कई दूसरे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर तहरीर दी गई है. यह तहरीर विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ से जुड़े इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरविंद भरद्वाज और आर एस तोमर की तरफ से दी गई है.
तहरीर में आरोप लगाया गया है कि इस तरह की बयानबाजी से माहौल खराब होता है. तहरीर में मांग की गई है कि मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी और उनके दूसरे साथियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि आने वाले वक्त में इस तरह की बयानबाजी से प्रदेश के माहौल को खराब करने वालों को एक सबक मिल सके.
इस मामले पर काशी-ज्ञानवापी मामले के मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के जॉइंट सेक्रेटरी मोहम्मद यासीन ने कहा है कि ये बातें बकवास हैं. मोहम्मद यासीन ने बयान में कहा कि “प्रयागराज महाकुंभ स्थान को वक्फ संपत्ति बताना एक बकवास है. एक मौलवी यह प्रचार करते हुए नहीं थक रहे हैं. जबकि हजारों साल से महाकुंभ होता आ रहा है, उसमें वक्फ की जमीन कहना बकवास के सिवाय कुछ भी नहीं है. यह सिर्फ सस्ती शोहरत पाने के लिए किया जा रहा है, यह बिल्कुल अनुचित है. हमने इसको लेकर वक्फ बोर्ड कार्यालय से भी इसकी हकीकत जानी.”
आपको बता दें कि महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हो रहा है. यह 26 फरवरी तक चलेगा. महाकुंभ का आयोजन 12 साल के अंतराल में किया जाता है. अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में मुस्लिमों के दुकान लगाने पर पाबंदी लगा दी है. इस पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने अखाड़ा परिषद की आलोचना की थी.