उज्जैन: सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बावजूद मकानों पर बुलडोजर कार्रवाई जारी है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के उज्जैन में बसी निजामुद्दीन कालोनी का है. यहां पर ‘महाकाल कॉरिडोर’ के नाम पर न सिर्फ 257 घरों पर बुलडोजर चलाया गया, बल्कि यहां पर मौजूद ‘तकिया मस्जिद’ को भी शहीद कर दिया गया है. प्रशासन ने शहर के काजी खलीलुर्रहमान से कहा था कि मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.
ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, बुलडोजर से मकान गिराने के साथ-साथ मस्जिद को भी शहीद कर दिया गया. प्रशासन का कहना है कि ये कार्रवाई कानूनी तरीके से और लोगों को भरोसे में लेकर की जा रही है. लेकिन इंकलाब ने एक मकामी शख्स के हवाले से लिखा है कि ये कार्रवाई डंडे के जोर पर की जा रही है. उन्होंने बताया कि मुसलमानों को यहां से बेघर करके मामूली मुआवजा दिया गया है. उनका कहना है कि मुसलमान सहमे हुए हैं, इसलिए बात नहीं करते हैं.
शहर के काजी खलीलुर्रहमान के मुताबिक, निजामुद्दीन कालोनी वक्फ की जमीन पर मौजूद है. यहां सभी घर मुसलमानों के हैं. महाकाल मंदिर कारिडोर के नाम पर इस पूरी कॉलोनी के मुसलमानों को बेघर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसी कालोनी की दीवार से लगी गणेश कालोनी को एक खरोंच तक नहीं आई है. इस कालोनी में मुसलमान आबादी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कॉरिडोर की जरूरत है तो सिर्फ मुसलमान कॉलोनी को क्यों निशाना बनाया जा रहा है.
ख्याल रहे कि निजामुद्दीन कालोनी में महज मुसलमानों के घर हैं. मीडिया में इस कालोनी के बारे में कहा जा रहा है कि ये कॉलोनी गैर कानूनी है. यह भी कहा जा रहा है कि यहां के लोगों को मुआवजा दिया गया है. इसके बाद जमीन खाली कराई गई है.
खबरें ये भी हैं कि यहां के स्थानीय लोगों ने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया है. इसके बावजूद यहां 200 पुलिस वालों की मौजूदगी में बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है. यहां के लोगों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का रुख किया लेकिन उनकी अपील खारिज कर दी गई.