दिल्ली इलेक्शन : बहुत कठिन है डगर पनघट की
दिल्ली में आम आदमी की पाँच साला कारकर्दगी को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि अरविन्द जी बहुत आसानी से तीसरी बार मुख्यमन्त्री बन जाएँगे। मगर ज्यों-ज्यों इलेक्शन क़रीब आ...
शाहीन बाग़ की ख़वातीन पूरी दुनिया के लिये मशअले-राह बन गईं : कलीमुल-हफ़ीज़
कहते हैं कि हर कामयाब मर्द के पीछे एक ख़ातून का हाथ होता है। मैं कहता हूँ कि हर कामयाबी की पीठ पर ख़ातून का हाथ होता है। या यूँ कहिये...
हादिसों से सीखिये तसनीम जीने का सबक़: कलीमुल हफ़ीज़
इन्सानी ज़िन्दगी और हादिसों का चोली-दामन का साथ है। जिस तरह एक शख़्स हादिसे का शिकार होता है उसी तरह क़ौमें भी हादिसों का शिकार होती हैं। कुछ लोग हादिसों से...
दरिंदों के शहर में लाज़िम है परेशां होना : सैयद फैसल अली
सैयद फैसल अली
हैदराबाद गैंगरेप मामले में चारों आरोपी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। जिन दरिंदों के मारे जाने पर जश्न का आलम है। पुलिस के कारनामे की प्रशंसा हो रही...
वरना तमाम इल्म तो क़ुरआन ही में था: कलीमुल-हफ़ीज़
क़ुरआन मजीद वो किताब है जिसको हम सब जानते हुए भी उससे अनजान हैं, घर में मौजूद होते हुए भी हमें इसकी मौजूदगी का एहसास नहीं है। इसकी याद या तो...
सर सैयद को सच्ची श्रद्धांजलि इल्म का चिराग़ रोशन करना है
दुनिया में इंसानी नस्ल का सिलसिला हज़रत आदम अ० से शुरू होता है और यह बात सिर्फ़ ख़ुदा को मालूम है कि कब ख़त्म होगा। लाखो इंसान दुनिया में रोज़ आते...
अबकी बार बच गया पाकिस्तान
"आज के दिन पाकिस्तान की सांस अधर में लटकी हुई थी। यदि पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) आज पाकिस्तान को उसकी भूरी सूची में से निकालकर काली सूची में...
राष्ट्र के पिता, या हिंदुत्व के पिता…???
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वीडी सावरकर को इस विचार को व्यक्त करते हुए कहा कि इतिहास को भारतीय दृष्टिकोण से फिर से लिखने की जरूरत है। भारतीय...
समाधान और संदेश
दशकों से चला आ रहा अयोध्या का राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद समाधान की ओर बढ़ चला है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित...
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है – कलीमुल हफ़ीज़
हमारा मुल्क अनेकता में एकता की मिसाल था। यहाँ आपसी सौहार्द का नज़रिया था कि 'जियो और जीने दो'। हमारा सेक्युलरिज़्म भी दुनिया में एक मिसाल था जिसकी वजह से तमाम...
ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझसा कहूँ जिसे
मेरे उस्ताद-ए-मोहतरम मरहूम मौलाना मिंजारूल हसन साहब का इस दुनिया से चले जाना मेरी बस्ती के लिए एक ख़सारे से कम नहीं जिसकी आने वाले वक़्त में शायद ही कोई दूसरा...
जहां तक अमेरिका की बात है, तो गांधी भारत की राजनीति से ऊपर और...
वाशिंगटन: महात्मा गांधी ने कभी अमेरिका का दौरा नहीं किया, लेकिन भारत के बाहर के किसी भी देश में संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में अधिक गांधी की प्रतिमाएं, और स्मारक नहीं...
चाँद पर रोना बंद करो, जीतने के लिए अन्य दुनिया भी हैं!
चलो कोई बात नहीं…चंद्रयान-2 एक बड़ी उपलब्धि है! बहुत बड़ी! मैं अंतिम मिनट की गड़बड़ के बारे में सभी के रोना-धोना को समझने में विफल रही जिसने देखा कि एक अरब...
हिंदी दिवस विशेष: हम कैसे मनाएं हिंदी दिवस!
हर 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। ज़रा हम पता तो करें कि सवा अरब के इस देश में कितने लोगों को मालूम है कि 14 सितंबर...
“यह जानकर आश्चर्य हुआ कि आधुनिक भारत में हिंदुत्व कितना महत्वपूर्ण हो सकता है”:...
जिस दिन हमने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने के लिए दुनिया का चौथा देश बनने की राह पर थे उस दिन मुंबई के एक अखबार में गायों के बारे में इस...
ज़िन्दा रहना है तो पानी को बचाना होगा: कलीमुल हफ़ीज़
कलीमुल हफ़ीज़
अगर यह कहा जाए कि पानी ही ज़िन्दगी है तो अतिशयोक्ति न होगी। इंसान ही नहीं पूरी कायनात की ज़िन्दगी पानी पर टिकी है। अगर पानी न हो तो इंसान...