राहुल गांधी इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मोर्चे पर पहले ही पहुंच गये हैं. दिल्ली के सीलमपुर से इसका आगाज होगा. राहुल गांधी की मैदान में मौजूदगी कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगी, उससे पहले सवाल ये भी है कि उनके कैंपेन में हिस्सा लेने का मकसद चुनाव ही है या कुछ और?
राहुल गांधी के विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर होने पर सवाल इसलिए उठता है क्योंकि अब तक दिल्ली में चुनाव कैंपेन के तहत जो भी काम हो रहा था, न तो राहुल गांधी और न ही प्रियंका गांधी वाड्रा ही कहीं इर्द गिर्द दिखाई पड़ रही थीं. 2020 के विधानसभा चुनाव की भी बात करें तो राहुल गांधी ने कुल जमा चार सार्वजनिक सभाएं या रोड शो किये थे, जिसमें दो जगह प्रियंका गांधी वाड्रा भी साथ थी. तब प्रियंका गांधी सिर्फ कांग्रेस महासचिव हुआ करती थीं, अब तो वो वायनाड से सांसद भी बन गई हैं.