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Thursday, January 16, 2025

हिंडनबर्ग की दुकान बंद करने की टाइमिंग में छिपे हैं कई राज़ : वकील जयअनंत देहाद्राई

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जयअनंत देहाद्राई कहते हैं, “यह बहुत सुनियोजित तरीके से रची गई ऐसी साजिश थी, जिसमें ग्लोबल एंगल एक तरफ था. इस मामले को एक नेशनल एंगल भी दिया गया था.”

नई दिल्ली:अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है. हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप समेत कई व्यावसायिक संस्थाओं को टारगेट किया था. अब इसके बंद होने को लेकर सीनियर वकील जयअनंत देहाद्राई ने रिएक्शन दिया है. जयअनंत देहाद्राई ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को एक सोची-समझी साजिश बताया है. उन्होंने कहा, “हिंडनबर्ग की दुकान बंद करने की टाइमिंग में कई राज़ छिपे हुए हैं.”

जयअनंत देहाद्राई कहते हैं, “यह बहुत सुनियोजित तरीके से रची गई ऐसी साजिश थी, जिसमें ग्लोबल एंगल एक तरफ था. इस मामले को एक नेशनल एंगल भी दिया गया था. हिंडनबर्ग रिसर्च को देखिए, तो यह अमेरिका में LLC के तौर पर रजिस्टर्ड थी. LLC यानी लिमिटेड लाइबिलिटी कंपनी.”

देहाद्राई कहते हैं, “हिंडनबर्ग जिस तरह से अपनी दुकान बढ़ा रहा है, उसपर तमाम सवाल खड़े होते हैं. यह ऐसा नहीं है कि आपने लाइट की तरह बटन स्विच ऑफ कर दिया हो. ऐसा नहीं होता है. आपको सारे सारे स्टेप्स लेने पड़ते हैं. इसमें कई सारी प्लानिंग होती है. इसका सीधा सा मतलब है कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हो रहा है. ट्रंप अगले कुछ दिनों में वहां कुर्सी संभालने ज रहे हैं. उनकी पूरी टीम आ रही है. ट्रंप के आने और हिंडनबर्ग के दुकान बंद करने से यह बिल्कुल साफ है कि दाल में कुछ काला है.”

उन्होंने आगे कहा, “हिंडनबर्ग एंड कंपनी को ट्रंप की जीत के साथ समझ में आ गया होगा कि हमारी दाल नहीं गलने वाली है. वहां के सांसद लैंस गुडिन ने अटॉर्नी मेरिक गारलैंड को डीटेल में एक चिट्ठी लिखी. उनसे पूछा कि आपने किस आधार पर यह फैसला लिया. आप एक भारतीय बिजनेस हाउस की जांच शुरू करने जा रहे हैं, इसकी जानकारी दीजिए.”

देहाद्राई कहते हैं, “जो भी उनके आरोप थे, वह भारत पर आधारित थे. वहां के कांग्रेसमैन यह जानना चाहते थे कि आपकी जांच ही गलत है. यह पूरा खेल एक तरह से टाइमिंग का है. वह चिट्ठी जाती है और डोनाल्ड ट्रंप की जीत सुनिश्चित होती है. ट्रंप की टीम से तरफ से मैसेज जाता है कि न्याय विभाग की तरफ से राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ डीप स्टेट के जरिए जो जांच शुरू हुई है. जॉर्ज सोरोस के जितने लोग अमेरिका के अलग-अलग संस्थानों में घुसे हुए हैं, उनको निकालने का काम शुरू हम करेंगे.”

देहाद्राई ने कहा, “यह सब देखते हुए हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद करने का फैसला किया. उनकी चिट्ठी को अगर आप ध्यान से पढ़ें, तो वह यह कही नहीं कह रहे हैं कि हम यह काम छोड़ रहे हैं. वह लिखते हैं कि हमारी टीम से कोई इस काम को शुरू कर सकता है. मैं उनका साथ दूंगा. जाहिर तौर पर हिंडनबर्ग के तथाकथित हीरोज ने भारी मन से जल्दबाजी में यह दुकान बंद की है.”

उन्होंने आखिर में कहा, “हिंडनबर्ग ने मौका मिलने पर फिर से अपनी दुकान खोलने का रास्ता छोड़ रखा है. यह जल्दबाजी दिखाती है कि कैसे यह पूरा मामला डीप स्टेट के जरिए चल रहा था.”

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