अलीगढ़: मस्जिदों को लेकर दावे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. संभल और बदायूं की तरह अब अलीगढ़ में एक मस्जिद पर दावा किया गया है. यहां की जामा मस्जिद पर सामाजिक संगठन के नेता ने दावा ठोका है और अदालत में याचिका दायर की है.
आरटीआई एक्टिविस्ट और भ्रष्टाचार विरोधी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित केशव देव गौतम के जरिए सिविल जज कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उनका कहना कि इस जगह पर शिव मंदिर, बौद्ध स्तूप और जैन मंदिर हुआ करता था. इस मामले में सुनवाई 15 फरवरी को होनी है. उनकी इस याचिका के बाद एक नया विवाद खड़ा होता दिख रहा है.
ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, आरटीआई एक्टिविस्ट पंडित केशव देव गौतम की शहर के ऊपर कोट पर हिंदू राजाओं का बड़ा किला था. इस पर कुछ लोगों ने दस्तावेज तैयार कर जामा मस्जिद बना दी. इसको लेकर उन्होंने आरटीआई के जरिए पुरातत्व विभाग से जानकारी मांगी थी. इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम से काफी जानकारी निकाली है और कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका स्वीकार हो गई है. अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी.
“अलीगढ़ की जामा मस्जिद पहले शिव मंदिर था”
ये दावा करते हुए एक व्यक्ति ने अलीगढ़ कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका स्वीकार हो गई है। अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी। pic.twitter.com/mq3UPsPRe1
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) January 7, 2025
बता दें, हाल ही में मुल्क के अलग-अलग हिंस्सों में मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने का सिलसिला तेजी से शुरू हुआ है. बदायूं की शम्सी मस्जिद, अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार और संभल की शाही मस्जिद को लेकर दावे किए जा चुके हैं.
इन्हीं दावों की वजह से 24 नवंबर को संभल में हिंसा भी हो चुकी है. जिसमें 5 लोगों की जान गई थी. यह हिंसा संभल में पहुंचे एएसआई की टीम के मस्जिद के सर्वे करने के बाद शुरू हुई थी. इस मामले में 52 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
इन सभी विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. उन्होंने मंदिर मस्जिद विवाद पर निचली अदालतों को कोई भी आदेश पारित करने से रोका है. सुप्रीम कोर्ट पहले प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर अपनी याचिकाओं का निपटारा करना चाहता है. ताकि इन विवादों की पॉजीशन साफ की जा सके.