संभल: उत्तर प्रदेश के शहर संभल में हर रोज कुछ नया विवाद खड़ा हो रहा है. शाही मस्जिद के सामने बन रही चौकी को लेकर अब बड़ा दावा किया गया है. हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि यह जमीन वक्फ की है. जिसकी उन्होंने दस्तावेज़ भी पेश किए हैं. हालांकि संभल जिला अधिकारी ने उनके इन दावों का खारिज कर दिया है. इस चौकी को लेकर ओवैसी पहले भी सवाल खड़े कर चुके हैं.
संभल के डीएम ने बताया कि जिस जमीन पर चौकी का तामीरी काम चल रहा है वह वक्फ की नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि इस चौकी की जमीन को लेकर जितने दस्तावेज़ आए हैं वह इफेक्टिव नहीं हैं. उन दस्तावेज़ों की जांच की गई है वह अन रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट्स हैं, जांच जारी है. कोई भी शख्स दस्तावेज़ लेकर आएगा तो नियम के मुताबिक कार्रवाई होगी.
संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। @narendramodi और @myogiadityanath संभल में खतरनाक माहौल बनाने के…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 31, 2024
डीएम से सवाल पूछे जाने पर कि यह जमीन किसकी है उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद में यह आबादी के नाम पर दर्ज है. यानी यह नगर पालिका की प्रोपर्टी है. बता दें, जामा मस्जिद के सामने यह चौकी बनाई जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इसका काम पूरा हो जाएगा.
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर दावा किया था कि जिस जगह पर जमीन बनाई जा रही है, वह प्रोपर्टी वक्फ के नाम है. ओवैसी ने ट्वीट किया, “संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है. इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास तामीरी काम मना है.”
यह वक्फ नंबर 39-A, मुरादाबाद है. यह उस ज़मीन का वक्फनामा है, जिस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार को क़ानून का कोई एहतराम नहीं है.
ओवैसी ने दस्तावेज़ शेयर करते हुए लिखा, “यह वक्फ नंबर 39-A, मुरादाबाद है. यह उस ज़मीन का वक्फनामा है, जिस पर पुलिस चौकी का तामीरी काम हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार को क़ानून का कोई एहतराम नहीं है.