शीघ्रपतन ऐसी समस्या है, जिससे अधिकतर लोगों का सामना होता है। सेक्स के दौरान इंटरकोर्स करने के कुछ ही देर में वीर्य-स्खलन हो जाए तो इसे शीघ्रपतन कहा जाता है। शीघ्रपतन की समस्या के चलते पुरुष सेक्स के दौरान अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं। शीघ्रपतन की समस्या के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग इसके बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं। जिसके चलते इसके इलाज में देरी होती है। इसके बाद इसके घातक परिणाम सामने आते हैं।
बीच-बीच में कैलोरी लें
सेक्स करने से कैलोरी ऊर्जा की खपत होती है। इसलिए बीच-बीच में ऊर्जा देने वाले ग्लूकोज, जूस, दूध आदि को लेते रहना चाहिए। इस उपाय को करने से शीघ्रपतन की समस्या से बचा जा सकता है।
इलाज कराएं
शीघ्रपतन की समस्या का सही से इलाज होने पर ठीक हो जाती है। इस समस्या को भी अन्य शारीरिक परेशानी की तरह लें। अक्सर लोग इस समस्या को छुपाते हैं। आप बिना इलाज कराए जितना अधिक समय बिताएंगे, यह समस्या उतनी ही गंभीर होती चली जाएगी।
समय से कराएं इलाज
सेक्स के दौरान स्खलन आपकी इच्छा से पहले हो रहा है तो डॉक्टर से मिलकर इस समस्या के बारे तुरंत बात करें। अक्सर देखा जाता है कि लोग इसे हल्के ले लेते हैं और सोचते हैं कि यह समस्या अपने आप ठीक हो जाएगी। ऐसा सोचना पूरी तरह गलत है। इसलिए इसका सही समय पर कराएं।
इन उपायों को भी ट्राई करेंः
हस्थमैथुन- सेक्स से एक घंटे पहले हस्थमैथुन करने से शीघ्रपतन की समस्या से निजात पा सकते हैं।
फोरप्ले पर ध्यान- सेक्स से पहले कम से कम 15 मिनट तक फोरप्ले करें। यह शीघ्रपतन पर काबू करने का अच्छा तरीका है।
केगल एक्सर्साइज- दिन में 2-3 बार केगल एक्सर्साइज करने से आप शीघ्रपतन से छुटकारा पा सकते हैं।
स्क्वीजिंग टेक्नीक को अपनाएं- सेक्स के दौरान आपको लगे कि स्खलित होने वाले हैं, तभी लिंग को बाहर निकालकर उसके अगले हिस्से को कुछ देर के लिए दबाएं। ऐसा करने से शीघ्रपतन नहीं होगा।
इनका करें सेवन
– अश्वगंधा
– अदरक और शहद
– लहसुन
– अंडा और गाजर
– सौंफ का सेवन
– इमली और गुड़
– कैस्टर ऑयल
- बहुत से लोग अपनी सेक्स लाइफ और जीवन में सेक्स की कमी को लेकर बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं लेकिन अपनी असंतुष्टि के लिए उन्हें जो कदम उठाना चाहिए उसके प्रति उदासीन रवैया अपनाकर रखते हैं। इतना ही नहीं अपनी समस्याओं के जवाब और हल के लिए सही व्यक्ति से संपर्क करने की बजाए वे दोस्तों से बात करते हैं, गॉसिप करते हैं और कई बार ऑनलाइन पॉर्न के चक्कर में भी फंस जाते हैं। हकीकत यही है कि ज्यादातर लोग जो सेक्सॉल्जिस्ट्स के पास जाते हैं उन्हें किसी तरह की मेडिकल दिक्कत नहीं होती बल्कि वे गलतफहमी और मिथक का शिकार होते हैं। हमने बात की 8 sexologists से जो 8 सबसे कॉमन सेक्स मिथक के बारे में बता रहे हैं जिनपर आपको बिलकुल यकीन नहीं करना चाहिए…
- मुंबई के KEM हॉस्पिटल और जीएस मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ सेक्शुअल मेडिसिन के एचओडी प्रफेसर डॉक्टर राजन भोंसले कहते हैं, मैं ज्यादातर ऐसे कपल्स की काउंसलिंग करता हूं जो 30 से 40 साल के बीच होते हैं, वैसे तो हेल्दी होते हैं लेकिन उनके बीच इंटिमसी की कमी होती है। उनकी सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है कि वे अपनी सेक्स लाइफ को अपने दोस्तों या फिर मैग्जीन में जो वह पढ़ते हैं उन लोगों से कम्पेयर करने लगते हैं। लिहाजा अपने सेक्सलेस रिलेशनशिप की वजह क्या है इसके कारणों को सबसे पहले खोजें। अगर हेल्थ से जुड़े मुद्दे हैं तो उनका मेडिकली हल निकालें और अगर रिलेशनशिप से जुड़ा मुद्दा है तो काउंसलिंग के जरिए। कई बार एक कपल अपने काम, स्मार्टफोन और जिम्मेदारियों में इतना बिजी हो जाता है कि वे साथ में क्वॉलिटी टाइम नहीं बिता पाते। लिहाजा जैसे ही आपको कारण मिल जाएगा, हल भी आपके सामने ही होगा।
- सेक्शुअल हेल्थ फिजिशन, कंसलटेंट और काउंसलर डॉ दीपक जुमानी कहते हैं, 40 या 50 साल की उम्र के बहुत से लोग बेडरूम में परफॉर्म नहीं कर पाते क्योंकि उनकी बॉडी सेक्स करने लायक ही नहीं रह जाती है। वे डायबीटीज, हाइपरटेंशन और मोटापे का शिकार हो चुके होते हैं और इस पर ध्यान भी नहीं देते हैं। आंकड़ों की मानें तो 40 साल से ऊपर के करीब 50 प्रतिशत पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से पीड़ित रहते हैं। ऐसे में जब वे परफॉर्म नहीं कर पाते तो उसे कमजोरी मान लेते हैं। इतना ही नहीं उनका पार्टनर उनके बारे में क्या सोचेगा इस वजह से भी वह सेक्स करने से कतराने लगते हैं। जबकि हकीकत यह है कि कोई भी व्यक्ति 90 साल की उम्र तक सेक्स कर सकता है। पुरुषों को यह समझना होगा कि प्रीमच्योर इजैक्युलेशन कोई बीमारी नहीं बल्कि बिहेवियर इशू है जिसे आसानी से सुलझाया जा सकता है।
- कन्सलटेंट सेक्सॉल्जिस्ट डॉ पायल एस कामथ कहती हैं, आमतौर पर कमिटेड रिलेशनशिप में दूसरों के बारे में फैंटसाइज करना यानी सेक्स के दौरान किसी और की कल्पना करने को शक और अपराध की नजर से देखा जाता है। लोगों की ऐसी धारणा है कि दूसरों के बारे में सेक्शुअली सोचना चीटिंग यानी धोखाधड़ी कहलाता है। लेकिन मैं कपल्स को यही बताती हूं कि किसी तरफ सेक्शुअली अट्रैक्ट होना इंसान का सामान्य नेचर है। एक व्यक्ति के साथ रिश्ते में रहना हमारी चॉइस है, मजबूरी नहीं। जलन और शक की भावनाओं से खुद को चोट पहुंचाने की बजाए अपनी इच्छाओं के बारे में खुलकर पार्टनर से बात करें। साथ ही पार्टनर जो भी कहते हैं उसे धैर्य के साथ सुनें।
- सेक्सॉल्जिस्ट डॉ पवन सोनवर कहते हैं, न्यू एज कपल्स के बीच असुरक्षा, बेचैनी, अतिसंवेदनशीलता और अपर्याप्तता की भावनाएं बहुत ज्यादा देखने को मिलती हैं, खासतौर पर अगर कपल में से किसी एक पार्टनर का सेक्शुअल पास्ट रहा हो तो। इस तरह की असुरक्षा की भावना की वजह से महिलाएं कॉस्मेटिक सर्जरी करवाकर अपना ब्रेस्ट और बटक एन्लार्ज करवाती हैं, जेनिटल एरिया का ब्यूटिफिकेशन करवाती हैं तो वहीं पुरुषों में इसकी वजह से परफॉर्में ऐंग्जाइटी की प्रॉब्लम हो जाती है। दोनों पार्टनर को समझना चाहिए कि अच्छे सेक्स का संबंध आपके शारीरिक आकार से नहीं बल्कि इमोशनल इंटिमसी और कंफर्ट से है। आपका पार्टनर आपके साथ इसलिए है क्योंकि वह आपको पसंद करता है और प्यार करता है। लिहाजा अपनी तुलना करने की बजाए अपने बेडरूम स्किल्स को बेहतर बनाने की कोशिश करें।
- कन्सल्टेंट सेक्सॉलजिस्ट डॉ श्याम मीथिया कहते हैं, पॉर्नोग्रफी और ऑनलाइन सेक्स स्टोर्स की वजह से पुरुष आए दिन अपने पीनिस साइज को लेकर इन्सेक्योर महसूस करते रहते हैं। उन्हें इस बात का यकीन दिला दिया जाता है कि कुछ टूल्स और दवाइयों की मदद से उनके प्राइवेट पार्ट के साइज को बड़ा किया जा सकता है। यह सब एक मिथक है और पुरुषों को समझना होगा कि दुनिया में अब तक ऐसा कोई तेल या दवा नहीं बनी जो पुरुषों के पीनिस साइज को बढ़ा सके। कुछ दवाएं जरूर होती हैं जिनके सेवन से पीनिस में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है जिससे इरेक्शन बेहतर हो जाता है और लोगों को लगता है कि उनका पीनिस साइज बढ़ गया है। पुरुषों को समझना होगा कि शुरुआती 3 या 3.5 इंच से ज्यादा साइज मायने नहीं रखता।
- मनोविकास क्लिनिक के कन्सल्टेंट सेक्सॉल्जिस्ट डॉ विकास देशमुख कहते हैं, आमतौर पर वैसे पुरुष जो रिस्की सेक्स करने जा रहे होते हैं उन्हें लगता है कि रिस्क को कम से कम करने के लिए एक की बजाए दो कॉन्डम का इस्तेमाल करना बेहतर है। हालांकि ऐसा करते वक्त वे भूल जाते हैं कि दो कॉन्डम का इस्तेमाल करने से फ्रिक्शन यानी घर्षण बढ़ जाता है और कॉन्डम के फटने का खतरा रहता है। इतना ही नहीं 2 कॉन्डम यूज करने वक्त उसके स्लिप होने का खतरा भी बढ़ जाता है। मेरी सलाह यही होगी कि अच्छे रेप्यूटेड कंपनी का कॉन्डम यूज करें और लुब्रिकेशन के लिए वैसलीन या ऑइल यूज न करें। इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है। इसकी जगह आप चाहें तो लुब्रिकेटेड कॉन्डम या जेली यूज कर सकते हैं।
- हीरानंदानी हॉस्पिटल के कन्सल्टेंट सेक्सॉल्जिस्ट डॉ केदार तिल्वे कहते हैं, बहुत से लोग इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उनका फर्स्ट सेक्शुअल एक्सपीरियंस परफेक्ट होना चाहिए क्योंकि वही अनुभव सबसे बेस्ट होता है। ऐसा करने के दौरान वे खुद के ऊपर इतना प्रेशर ले लेते हैं कि पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का शिकार हो जाते हैं और महिलाएं दर्द को लेकर परेशान हो जाती हैं। इस वजह से आप भविष्य में भी सेक्स को लेकर ऐंग्जाइटी डिवेलप कर लेते हैं। आपको यह बा समझनी होगी कि आपका सेक्शुअल एक्सपीरियंस अपने पार्टनर के साथ हर एक्सपीरियंस के साथ और बेहतर होता जाता है क्योंकि धीरे-धीरे ही आप समझ पाते हैं कि वह कौन सी चीज है जो आप दोनों को उत्तेजित करती है। याद रखें कि प्रैक्टिस ही आपको परफेक्ट बनाती है।
- सेक्सॉल्जिस्ट डॉ सागर मुन्दादा कहते हैं, सामाजिक पूर्वाग्रह की वजह से ज्यादातर लोग परंपरागत इंटरकोर्स से अलग हटकर कुछ सोच ही नहीं पाते और अगर कोई और इस बारे में सोचता है तो उसे गलत ठहराया जाता है। सबसे पहले तो आपको यह समझने की जरूरत है कि सेक्स आपको सशक्त बनाता है, अधिकार देता है यह आपके लिए अपमानजनक नहीं हो सकता। अलग-अलग सेक्स पोजिशन ट्राई करना, ओरल सेक्स, ऐनल सेक्स यह सब आपकी सेक्स लाइफ में इंट्रेस्ट और वरायटी लाते हैं। हालांकि इस दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि दोनों पार्टनर इस बात पर सहमत हों, इसमें किसी तरह का रिस्क न हो, इंफेक्शन न हो और आप जरूरी प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें।