कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए भारत अपने स्ट्रैटजिक (इमरजेंसी) पेट्रोलियम रिजर्व में से 50 लाख बैरल रिलीज करेगा। कच्चे तेल के इमरजेंसी स्टॉक को रिलीज करने का प्लान अमेरिका ने भारत, जापान समेत कुछ बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के साथ मिलकर बनाया है। इस कदम से पेट्रोल-डीजल के दाम कुछ कम हो सकते हैं।

पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मिनिस्ट्री की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘लिक्विड हाइड्रोकार्बन्स का प्राइस रीजनेबल और मार्केट फोर्सेज की ओर से निर्धारित होना चाहिए। तेल उत्पादक देशों की ओर से जानबूझकर तेल की सप्लाई को डिमांड के लेवल से नीचे रखा जा रहा है। इस पर भारत अपनी चिंता बार-बार व्यक्त करता रहा हैं। तेल उत्पादक देशों की कम सप्लाई से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है।’

बयान में कहा गया है कि ‘भारत अपने स्टैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व से 5 मिलियन बैरल कच्चा तेल रिलीज करने पर सहमत हो गया है। इसे अमेरिका, चाइना, जापान और कोरिया सहित अन्य प्रमुख ग्लोबल एनर्जी कंज्यूमर के कंसलटेशन से किया जाएगा।’

कीमतों में आ सकती है प्रति लीटर 2 से 3 रुपए की कमी
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक अगर कच्चे तेल की घटती कीमतों का फायदा पेट्रोलियम कंपनियां आम लोगों को देती हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 2 से 3 रुपए तक की कमी हो सकती है। हालांकि अगर आने वाले दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है तो कीमतों का कम होना मुश्किल हो जाएगा। कच्चा तेल अभी 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है।

क्रूड के दाम 70 डॉलर तक लाने की कोशिश
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि बाजार में तेल की सप्लाई बढ़ाने के लिए स्ट्रैटजिक ऑयल रिजर्व को रिलीज किया जा रहा है। अमेरिका, भारत, साउथ कोरिया और जापान की कोशिश कच्चे तेल की कीमतों को 70 डॉलर प्रति बैरल पर लाने की है। चीन ने भी स्ट्रैटजिक रिजर्व से तेल रिलीज करने की तैयारी कर ली है। अगर क्रूड के दाम 70 डॉलर तक आ जाते हैं तो जाहिर तौर पर भारतीय ग्राहकों को भी पेट्रोल-डीजल और LPG की कम कीमतों के रूप में इसका फायदा मिलेगा।

MRPL और HPCL को बेचा जाएगा तेल
भारत के पास ईस्ट और वेस्ट कोस्ट की तीन लोकेशन पर लगभग 3.8 करोड़ बैरल कच्चे तेल का स्टॉक है। इसमें से 50 लाख बैरल रिलीज किया जाएगा। स्टॉक को मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (HPCL) को बेचा जाएगा। ये दोनों रिफाइनरी पाइपलाइन के जरिए स्ट्रैटजिक रिजर्व से जुड़ी हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि बाद में और ज्यादा स्टॉक भी रिलीज किया जा सकता है।

OPEC+ ने बाइडेन की बात नहीं मानी
बीते दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज प्लस (OPEC+) से कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाने के लिए कहा था। उन्होंने इसके पीछे कोरोना महामारी कम होने के बाद बढ़ी डिमांड का हवाला दिया था। OPEC+ ने बाइडेन की बात को नजरअंदाज कर दिया। इसी के बाद बाइडेन प्रशासन ने दूसरे देशों के साथ स्ट्रैटजिक ऑयल रिजर्व से तेल रिलीज करने का प्लान बनाया है। इस तरह देशों का साथ मिलकर ऑयल रिलीज करना इतिहास में पहली बार होगा।

OPEC और OPEC+ देश
OPEC देशों के अलावा जो देश ऑयल एक्सपोर्ट करते हैं उन्हें OPEC+ देश कहा जाता है। OPEC+ में रूस, ओमान, मैक्सिको, मलेशिया समेत 10 देश शामिल है। वहीं OPEC में ईरान, इराक, यूएई और सऊदी समेत 13 देश हैं।

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