केंद्र सरकार ने डिजिटल न्यूज़ मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से कहा है कि वे नए डिजिटल नियमों के अनुपालन की जानकारी 15 दिनों में दें।

नए नियमों के तहत डिजिटल दुनिया की इन कंपनियों को आचार संहिता लागू करनी होगी और तीन स्तरों का शिकायत निवारण ढाँचा तैयार करना होगा।

इस तीन स्तरीय शिकायत निवारण व्यवस्था में अनुपालन अधिकारियों यानी कंप्लायंस अफ़सरों की नियुक्ति, शिकायत समाधान, आपत्तिजनक सामग्री की निगरानी, अनुपालन रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री को हटाना  शामिल है।

बता दें कि इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नलॉजी मंत्रालय के नोटिस के एक दिन बाद आया है जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से नए नियमों के तहत जानकारी माँगी गई थी।

क्या हैं नए नियम?

नए नियमों के तहत डिजिटल न्यूज़ से जुड़ी कंपनियों को  नाम, निदेशक के नाम, पते, फोन नंबर, शिकायत निवारण अधिकारी की जानकारी सरकार को देनी होगी।

सरकार का कहना है कि अभी तक सिर्फ 60 डिजिटल न्यूज़ प्लैटफॉर्म ने बताया है कि उन्होंने नए नियमों के तहत सेल्फ रेग्युलेशन संस्था बनाना शुरू कर दिया है। कुछ प्रकाशकों ने मंत्रालय को नए नियमों के तहत पंजीकरण कि लिए लिखा है।

तीन श्रेणियाँ

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को तीन श्रेणियों में बाँटा है। पहली श्रेणी उन परंपरागत प्रकाशकों की है जो अपने अख़बार या टीवी के अलावा ऑनलाइन समाचार देते हैं।

दूसरी श्रेणी ऐसे डिजिटल न्यूज प्रकाशकों की है जो सिर्फ ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल चलाते हैं।

तीसरी श्रेणी ओवर द टॉप यानी ओटीटी प्लेटफॉर्म की बनाई गई है जो डिजिटल माध्यम से मनोरंजन तथा दूसरी जानकारियाँ देते हैं।

सरकार को क्या चाहिए?

पहली श्रेणी के प्रकाशकों से डोनेम नाम, यूआरएल, भाषा, ऐप, सोशल मीडिया अकाउंट जैसी बुनियादी सूचनाएँ माँगी गई है।

उन्हें इसके साथ ही टीवी चैनल की अनुमति, या अख़बार का आरएनआई पंजीकरण क्रमांक, कॉंटेक्ट सूचना, और शिकायत निवारण की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी देनी है।

दूसरी श्रेणी के कंपनियों से भी इसी तरह की जानकारियाँ माँगी गईं हैं, लेकिन इसमें कंपनी आइडेंटिफिकेशन नंबर और निदेशक मंडल की जानकारी भी पूछी गई है। लेकिन यह उनकी इच्छा पर है।

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