वॉशिंगटन, 9 मई । अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारत में बिगड़ती कोविड स्थिति पर यह कहते हुए अफसोस जताया कि यह दिल टूटने से कम नहीं था।

राज्य के ब्यूरो ऑफ साउथ एंड सेंट्रल एशियन अफेयर्स (एससीए) द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक प्रवासी कार्यक्रम में प्रस्तुत संदेश में हैरिस ने कहा, मेरे परिवार की पीढ़ी भारत से आती है। मेरी मां (श्यामला गोपालन) का जन्म और पालन पोषण भारत में हुआ था। मेरे परिवार के सदस्य आज भी भारत में रहते हैं। भारत का कल्याण अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत में कोविड संक्रमणों और मौतों का प्रकोप दिल दहलाने से कम नहीं है। आप में से जो लोग प्रियजनों को खो चुके हैं, मैं अपनी गहरी संवेदना भेजती हूं। जैसे ही स्थिति की भयावह प्रकृति स्पष्ट हुई, हमारे प्रशासन ने कार्रवाई की।

सोमवार, 26 अप्रैल को, राष्ट्रपति जो बिडेन ने हमारे समर्थन की पेशकश करने के लिए प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) के साथ बात की। शुक्रवार, 30 अप्रैल तक, अमेरिकी सैन्य सदस्य और नागरिक जमीन राहत देना शुरु कर दिया था।

महामारी की शुरूआत में, जब हमारे अस्पताल के बेड कम पड़ गए थे, भारत ने सहायता भेजी थी। और आज, हम आवश्यकता के समय में भारत की मदद करने के लिए ²ढ़ हैं।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि हम भारत के दोस्तों के रूप में, एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में और वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में ऐसा करते हैं। मेरा मानना है कि अगर हम राष्ट्रों और क्षेत्रों में एक साथ काम करना जारी रखते हैं, तो हम सभी इसके माध्यम से जुड़े रहेंगे।

अपने संबोधन में, उन्होंने इंडियास्पोरा और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन जैसे प्रवासी समूहों को भी स्वीकार किया और कहा कि अमेरिका और भारत के बीच इन्होंने पुल का निर्माण किया है।

उन्होंने ये भी कहा कि पिछले वर्ष, आपने कोविड राहत प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

भारत में कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार को भारत ने नए कोविड मामलों ने चार लाख के आंकड़े को पार कर लिया है, जबकि पिछले 11 दिनों में लगातार 3,000 से अधिक हताहतों की संख्या दर्ज की गई है।

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