मशहूर इस्लामी विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान का बुधवार को 96 साल की आयु में निधन हो गया। वे हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए थे।

परिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्होंने रात करीब साढ़े नौ बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है।

उन्हें कोरोना संक्रमण के कारण 12 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

मौलाना वहीदुद्दीन ने कुरान का अंग्रेजी में आसान अनुवाद किया और कुरान पर टिप्पणी भी लिखी। वे बड़े इस्लामी विद्वानों में गिने जाते थे। उन्होंने और भी कई किताबें लिखी हैं।

मौलाना वहीदुद्दीन खान का जन्म एक जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ था। उन्हें इसी साल पद्म विभूषण से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी। साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया था।

पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट के जरिए लिखा कि ‘मौलाना वहीदुद्दीन खान के निधन से दुखी हूं। उन्हें धर्मशास्त्र और आध्यात्मिकता के मामलों पर उनके व्यावहारिक ज्ञान के लिए याद किया जाएगा।

उन्हें सामुदायिक सेवा और सामाजिक सशक्तिकरण का भी शौक था। उनके परिवार और अनगिनत शुभचिंतकों के प्रति संवेदना।’

पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट के जरिए लिखा कि ‘मौलाना वहीदुद्दीन खान के निधन से दुखी हूं। उन्हें धर्मशास्त्र और आध्यात्मिकता के मामलों पर उनके व्यावहारिक ज्ञान के लिए याद किया जाएगा।

उन्हें सामुदायिक सेवा और सामाजिक सशक्तिकरण का भी शौक था। उनके परिवार और अनगिनत शुभचिंतकों के प्रति संवेदना।’

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