मुंबई के एक इंटीरियर डिजायनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वह जमानत के लिए निचली अदालत का रुख कर सकते हैं। वहीं, अर्नब गोस्वामी ने अलीबाग सेशन कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर की थी। इस याचिका को भी सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि एक इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को खुदकुशी के लिए कथित रूप से उकसाए जाने के मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब को हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। अर्नब ने अपनी गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताया था। गिरफ्तारी के बाद अर्नब को रायगढ़ जिले के अलीबाग जेल के लिए कोविड-19 केंद्र में न्यायिक हिरासत में रखा गया था, लेकिन यहां उन पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का आरोप लगा, जिसके बाद उन्हें तलोजा जेल भेज दिया गया। रायगढ़ क्राइम ब्रांच ने अर्नब को किसी अन्य व्यक्ति का मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए और सोशल मीडिया एक्टिव पाया गया, जबकि चार नवंबर को पुलिस ने जब अर्नब को हिरासत में लिया था तो उनका निजी मोबाइल जब्त कर लिया गया था। अर्नब ने जेल ले जाए जाने के वक्त पर चिल्लाकर बोला कि जेलर ने उनकी पिटाई की है। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया और यह भी कहा कि उन्हें उनके वकील से बात नहीं करने दी जा रही है।

बता दें कि मुंबई में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुदिनी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में अर्नब समेत 3 लोगों पर आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक अर्नब और दूसरे आरोपियों ने नाइक को अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए डिजाइनर रखा था, लेकिन करीब 5.40 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं किया। इससे अन्वय की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया। नाइक ने रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो तैयार किया था।

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