उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में दायर आरोपपत्र में पुलिस ने मुस्तफाबाद के एक निजी अस्पताल के मालिक डॉक्टर मोहम्मद एहतेशाम अनवर को आरोपी बनाया है, जिसने दंगे के दौरान घायल लोगों का इलाज किया था। इस अस्पताल में फंसे पीड़ितों को दंगाइयों से बचाकर बड़े सरकारी अस्पताल तक भेजने के लिए हाईकोर्ट ने 24 फरवरी की आधी रात में सुनवाई की थी। इस मामले में डॉ. अनवर ने दंगे के डेढ़ महीने बाद 15 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एवं अन्य को चिह्नित करते हुए स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारियों और क्राइम ब्रांच (दिल्ली पुलिस) को एक पत्र लिखा था। हिंदी में लिखे गए चार पन्नों के पत्र, जिसकी एक प्रति आउटलुक के पास है, उसमें स्पेशल सेल के अधिकारियों और दिल्ली पुलिस अपराध शाखा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

डॉ. अनवर ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस उनसे परेशान थी क्योंकि उन्होंने 25 फरवरी को देर रात दिल्ली के तत्कालीन न्यायाधीश जस्टिस एस मुरलीधर से बात की और उन्हें दंगे की जमीनी हकीकत से अवगत कराया।

जैसा कि 26 फरवरी की रिपोर्ट में बताया गया था, जस्टिस मुरलीधर ने 25 फरवरी को आधी रात को सुनवाई की और दिल्ली पुलिस को डॉ. अनवर के अल-हिंद अस्पताल में फंसे घायलों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने का आदेश दिया। बता दें कि डॉ. अनवर पिछले दो वर्षों से ओल्ड मुस्तफाबाद क्षेत्र में अल-हिंद अस्पताल चला रहे हैं और दंगों के दौरान, अस्पताल में उन घायल व्यक्तियों की भरमार हो गई थी, जिन्हें उन्होंने प्राथमिक उपचार दिया था।

पत्र में उन्होंने लिखा, “पुलिस कांस्टेबल जो घायल व्यक्तियों को लेने के लिए एम्बुलेंस के साथ आए थे, उन्होंने मुझे कई बार धमकी दी कि मुझे न्यायाधीश को सच्चाई नहीं बतानी चाहिए।” उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी वजह से ही यह मुद्दा चर्चित हो गया, वरना किसी को भी इस बारे में कुछ पता नहीं चलता।”

डॉ. अनवर ने यह भी आरोप लगाया कि दंगों के बाद  उन्हें कई बार दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और स्पेशल सेल के अधिकारियों द्वारा बुलाया गया, जिन्होंने धमकी दी और कहा, “जब से आपने न्यायाधीश से बात की, पूरी योजना विफल हो गई। आपको कुछ काम करके क्षतिपूर्ति करनी होगी, जो कि सही समय आने पर हम आपको बताएंगे।”

अनवर ने अपने पत्र, जिसमें उसके हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान है, में आरोप लगाया, “जब मैंने पूछा कि वह काम क्या होगा, तो अधिकारियों ने मुझे बताया कि यह एक सही या गलत काम होगा, लेकिन आपको यह करना होगा, या फिर हम आपको यूएपीए के तहत बुक करेंगे जो टाडा की तुलना में अधिक भयानक है। अनवर को न्यूनतम बीस साल जेल में रहना होगा और आपका क्लिनिक-परिवार सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।”

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