भारत सरकार ने 29 जून को 59 चाइनिज ऐप्स को बैन करने का आदेश जारी कर दिया। टिकटॉक समेत अन्य चाइनिज ऐप्स को बैन करने की मांग लगातार हो रही थी।

पंजाब केसरी पर छपी खबर के अनुसार, भारत सरकार ने बैन संबंधी आदेश में तर्क दिया है कि इससे साइबर जासूसी रुकेगी और देश को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

पेटीएम पर बैन करने की मांग 

बैन संबंधित आदेश आने के बाद सोशल मीडिया पर अब लोग पेटीएम, बिग बास्केट, जोमेटो समेत दूसरे मोबाइल एप्प को भी बैन करने की मांग करने लगे हैं।

लोगों का तर्क है कि अगर सरकार सच में सीरियस है तो चीन निर्मित सारे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर बैन लगाए ताकि चीन को तगड़ा झटका लग सके।

लोग यह भी तर्क दे रहे हैं कि पेटीएम, बिग बास्केट व जोमैटो जैसी कंपनियों में चीन की कंपनी अलीबाबा का पैसा लगा हुआ है। अलीबाबा कंपनी जैक मा की है और जैक मा ही यूसी ब्राउजर के मालिक हैं।

जब तक सरकार यूसी ब्राउजर को बैन कर दी है तो सरकार को पेटीएम, बिग बास्केट जोमैटो पर भी बैन लगा देना चाहिए क्योंकि इनमें भी चीन का मालिकाना हक है।

चीन की सबसे बड़ी कंपनी अलीबाबा और उसकी सहयोगी एंट फाइनेंसियल ने भारत के चार प्रमुख स्टार्टअप (पेटीएम, स्नैपडील, बिगबास्केट और जोमैटो) में 2.6 अरब (लगभग 18 हजार करोड़ रुपए) का निवेश किया है।

जबकि, टेनसेंट और अन्य चीनी कंपनियों ने पांच प्रमुख स्टार्टअप (ओला, स्विगी, हाइक, ड्रीम11 और बायजूस) में 2.4 अरब डॉलर (लगभग 17 हजार करोड़ रुपए) का निवेश किया है।

चीनीकंकंपनियों का भारत में निवेश

भारत की कई प्रमुख और लोकप्रिय कंपनियों में चीन की हिस्सेदारी है। इनमें बिग बास्केट, बायजू, डेलहीवेरी, ड्रीम 11, फ्लिपकार्ट, हाइक, मेकमायट्रिप, ओला, ओयो, पेटीएम, पेटीएम मॉल, पॉलिसी बाजार, क्विकर, रिविगो, स्नैपडील, स्विगी, उड़ान, जोमैटो आदि प्रमुख हैं।

पिछले चार साल के दौरान देश की नई कंपनियों (स्टार्टअप) में चीन की कंपनियों के निवेश में करीब 12 गुना की वृद्धि हुई है।

2016 में भारतीय स्टार्टअप में चीन की कंपनियों का निवेश 38.1 लाख डॉलर (लगभग 2,800 करोड़ रुपए) था, जो साल 2019 में बढ़कर 4.6 अरब डॉलर (लगभग 32 हजार करोड़ रुपए) हो गया।

 

 

 

 

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