हाल ही में कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों का हवाला देते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा देने वाले अधिकारी कन्नन गोपीनाथन केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच के दायरे में हैं। कन्नन ने पिछले महीने ही यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि वह जम्मू एवं कश्मीर में पांच अगस्त से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण परेशान हैं। उन्हें गृह मंत्रालय की ओर से कर्तव्यों का पालन नहीं करते हुए काम में ढील बरतने और अनुपस्थित रहने के कारण आठ जुलाई को एक नोटिस जारी किया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव व दादरा और नगर हवेली की सरकार से एक प्रस्ताव मिलने के बाद उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। एजीएमयूटी कैडर के 33 वषीर्य आईएएस अधिकारी दमन और दीव के अलावा दादरा और नागर हवेली के बिजली विभाग में सचिव के रूप में तैनात थे। उन्होंने 21 अगस्त को अपना इस्तीफा दे दिया था।

इस्तीफा देने से पहले उन्होंने 31 जुलाई को नोटिस के संबंध में अपना जवाब भी पेश किया था। इसमें गोपीनाथन ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी और परिश्रम के साथ अपने काम को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा, ‘मेरा अनुरोध है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का प्रस्ताव रोक दिया जाए।’ दमन और दीव व दादरा और नागर हवेली केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन ने गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया कि कन्नन गोपीनाथन कई ऐसे कृत्यों में लिप्त रहे हैं जो आईएएस आचरण नियम-1968 के खिलाफ है।

कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, ‘केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन ने गृह मंत्रालय को 11 जून 2०19 को भेजे गए पत्र में सूचित किया है कि आईएएस कन्नन गोपीनाथन अवहेलना, काम में विलंब व लापरवाही जैसे कृत्यों में लिप्त रहे हैं।’ गृह मंत्रालय ने उनसे यह नोटिस प्राप्त करने की तारीख से 10 दिनों के भीतर कारण बताने को कहा था। इसमें कहा गया था कि क्यूं न इन लापरवाही के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए।

उन्हें दमन और दीव व दादरा और नागर हवेली के प्रशासकीय सलाहकार के माध्यम से अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। उन्हें प्रशासक के सलाहकार को 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण भेजने को कहा गया था। गोपीनाथन को इसी अवधि के अंदर ही गृह मंत्रालय के सलाहकार की स्वीकृति के साथ अपना जवाब दाखिल करना था।

गोपीनाथन के खिलाफ कई वजहों से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। पत्र में कहा गया, ‘संशोधित स्थायी निवास सर्टिफिकेट जारी करने से संबंधित फाइल जमा करने में गोपीनाथन की ओर से नौ महीने की देरी की गई।’

इसके अलावा पत्र में कहा गया, ‘गोपीनाथन को मई 2०18 तक भूमिगत विद्युत केबल बिछाने और बिजली के खंभों को शिफ्ट करने के काम को पूरा करने के लिए कहा गया था, ताकि नरौली से शहीद चौक तक और शहीद चौक से समरवानी तक सड़कों के सौंदयीर्करण की परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। मगर मार्च 2019 तक खंभों को शिफ्ट करने का काम नहीं किया गया।’

इसके अलावा भी पत्र में कई ऐसे महत्वपूर्ण कायोर्ं का जिक्र किया गया, जिसमें गोपीनाथन द्वारा कथित लापरवाही बरती गई। साल 2012 बैच के आईएएस अधिकारी ने जम्मू एवं कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद एहतियात के तौर पर लगाए गए प्रतिबंधों से आम लोगों की दिक्कतों का हवाला देते हुए 21 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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