करीब एक पखवाड़े बाद श्रीनगर के स्‍कूलों में आज रौनक देखने को मिली. प्रशासन ने यहां के 190 से ज्‍यादा प्राइमरी स्‍कूल खोलने का फैसला लिया है. सभी सरकारी कार्यालय और स्कूल सोमवार से खुल गए. हालात सामान्‍य रहे तो बाकी जिलों के स्‍कूल भी योजनाबद्ध तरीके से खोले जाएंगे.

किसी हंगामे या हिंसक प्रदर्शन से निपटने को सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेज समेत कई सुरक्षा बल मौके पर तैनात हैं. 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने और जम्मू एवं कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद पहली बार अधिकारियों ने पाबंदी में ढील देने की सोची है.

  • कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं कब तक चालू होंगी, इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. घाटी में मोबाइल कनेक्टिविटी 4 अगस्त से बंद है.
  • वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जम्मू में सीआरपीसी की धारा 144 को फिर से लागू करने की अफवाहों का खंडन किया है. यह धारा एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाती है. अधिकारी ने साथ ही जम्मू में स्कूलों के बंद होने से इनकार किया और कहा कि जिले में हालात पूरी तरह सामान्य हैं.
  • जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रिसिंपल सेक्रेट्री (प्‍लानिंग कमीशन) रोहित कंसल ने कहा कि श्रीनगर के राजबाग, सांगरी, लासजान, गगरीबाल, पंथचौक, बाटमालू, नौगाम, थीड, जवाहर नगर, धारा और शाल्टेंग में स्‍कूल्‍स खुलेंगे. कंसल ने कहा कि घाटी में 50 प्रतिशत टेलीफोन लाइनों को चालू कर दिया गया है और आने वाले दिनों में कई दूसरे एक्सचेंज को चालू कर दिया जाएगा.

एहतियात के तौर पर घाटी के कई नेताओं को उन्हीं के घर में नजरबंद किया गया है, जिनमें राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री- डॉ.फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं.

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