उन्नाव/नई दिल्ली : उन्नाव रेप केस में सीबीआई ने बुधवार को कोर्ट को बताया कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ अपहरण, बलात्कार, साजिश और धमकाने के आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। जांच एजेंसी ने पीड़िता के बयान को आधार बनाते हुए दावा किया कि सेंगर के खिलाफ इन आरोपों में केस चलाया जा सकता है।

डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज धर्मेश शर्मा की अदालत में सरकारी वकील ने दावा किया कि पीड़िता को धोखे से विधायक के आवास पर लाया गया, जहां उससे रेप हुआ। घटना के वक्त पीड़िता 18 साल की नहीं थी, इसीलिए पॉक्सो प्रावधान में भी सेंगर और शशि सिंह आरोपी हैं। बचाव पक्ष ने दलील दी कि पीड़िता के बयान अविश्वसनीय हैं। बचाव पक्ष ने उस समय पीड़िता के बालिग होने का भी दावा किया। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

रेप पीड़िता के पिता के इलाज के दौरान हालत गंभीर होने पर उसे हायर सेंटर के लिए रिफर नहीं करने की लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर को निदेशक प्रशासन ने अपनी जांच में दोषी पाते हुए स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट सौंपी दी है।

आपको बता दें कि माखी रेपकांड पीड़िता के पिता की 8 अप्रैल 2018 की रात जिला जेल में हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया था। इमरजेंसी वॉर्ड में तैनात डॉक्टर गौरव अग्रवाल ने पीड़िता के पिता को भर्ती किया था जहां छह घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी। लापरवाही की शिकायत मिलने पर शासन ने डॉक्टर के खिलाफ जांच बैठा दी थी। निदेशक प्रशासन डॉ. पूजा पांडेय की जांच में डॉ. गौरव पर लगे आरोप सही पाए गए। बुधवार को निदेशक प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी।

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