सुप्रीम कोर्ट आज उन्नाव मामले पर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि हम देखेंगे कि इस मामले में क्या कर सकते हैं। चीफ जस्टिस ने पीड़ित परिवार की तरफ से लिखी गई चिट्ठी अपने सामने पेश करने में हुई देरी का ब्यौरा भी रजिस्ट्री से मांगा था। चीफ जस्टिस ने कहा था। कि मीडिया में ऐसे खबर चल रही है जैसे हमने इस चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं की जबकि चिट्ठी अब तक मेरे सामने आई भी नहीं है।

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता का बीते रविवार को रायबरेली में कार एक्सीडेंट हो गया और इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई, वहीं खुद पीड़िता की हालत बेहद गंभीर है। बताया जा रहा है कि पीड़िता की हालत इतनी गंभीर है कि वो जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। सीबीआई ने सड़क दुर्घटना मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और 9 अन्य के खिलाफ हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई पुलिस गनरों से पूछताछ करेगी और जेल में बंद विधायक से भी पूछताछ करेगी। सीबीआई की टीम कल सुबह रायबरेली में घटनास्थल पर पहुंची और मौके पर जांच पड़ताल की।

सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को हटाकर अवनीश अवस्थी को गृह विभाग की ज़िम्मेदारी दी है। इस मामले में पुलिस समेत प्रशासनिक लापरवाही की गंभीर शिकायत और आरोप पीड़िता पक्ष की तरफ़ से लगाए गए हैं। पीड़िता पक्ष से 33 चिट्ठियां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से लेकर सीएम, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, गृह सचिव, सीबीआई, डीजीपी, डीएम उन्नाव और एसपी उन्नाव को लिखी गई लेकिन किसी ने इन चिट्ठियों को गंभीरता से नहीं लिया। ये चिट्ठियां बीते एक साल के दरमियान लिखीं गई हैं। यही नहीं, आरोप ये भी हैं कि पीड़िता की और वक़ील महेंद्र सिंह की तरफ़ से डीएम उन्नाव को शस्त्र लाइसेन्स के लिए भी आवेदन किया गया लेकिन उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

2 साल पहले साल 2017 में पीड़िता ने बीजेपी के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाइयों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था और तब से चला आ रहा ये मामला इतना लंबा खिंच चुका है कि इसमें कई मोड़ और पड़ाव आ चुके हैं। यहां जानें कि उन्नाव गैंगरेप केस में पीड़िता के आरोप लगाने से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ है-

11 जून 2017:
पीड़िता गांव के युवक शुभम के साथ गायब हुई, परिवारवालों ने आरोपी शुभम, अवधेश पर केस दर्ज किया।

21 जून 2017:
पीड़िता पुलिस को मिली

22 जून 2017:
पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया, पीड़िता ने तीन लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया। विधायक समर्थक बताए जा रहे तीनों युवकों की गिरफ्तारी हुई।

1 जुलाई 2017:
मामले में चार्जशीट दायर हुई।

22 जुलाई 2017:
22 जुलाई 2017 को पीड़िता ने विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर गैंगरेप का आरोप लगाया। इसी दौरान पीड़िता ने इंसाफ पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। इसके बाद पीड़िता ने उन्नाव जिला अदालत में अर्जी दी। इस अर्जी में पीड़िता ने विधायक के समर्थक शुभम नाम के आरोपी की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया था। मामले ने जब तूल पकड़ा तो विधायक कुलदीप सेंगर के समर्थकों ने पीड़िता के परिवार पर मानहानि का केस कर दिया। पीड़िता ने पीएम-सीएम को चिट्ठी लिखी।

30 अक्टूबर 2017:
विधायक समर्थकों ने पीड़िता के परिवार पर मानहानि का केस दर्ज कराया।

11 नवंबर 2017:
पीड़िता के चाचा पर भी मानहानि का केस दर्ज कराया गया।

22 फरवरी 2018:
पीड़िता की ओर से उन्नाव जिला अदालत में अर्जी दी गई और अर्जी में विधायक पर रेप का आरोप लगाया। आरोपी शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया।

4 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता हुए गिरफ्तार:
पीड़िता का इल्जाम है कि मुकदमा वापस ना लेने के चलते 3 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को मारा-पीटा था। 3 अप्रैल 2018 को जब पीड़िता कोर्ट से लौट रही थी तो उसके परिवार पर हमला किया गया और विधायक के भाई पर बदमाशों के साथ मिलकर पीटने का आरोप लगा। गम्भीर रूप से घायल होने के बाद पीड़िता के पिता माखी थाने में मुकदमे की तहरीर देने गए तो पुलिस ने पांच अप्रैल को उन्हीं के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया।

8 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने किया आत्मदाह का प्रयास:
आरोपियों के बजाय अपने पिता के खिलाफ कार्रवाई किये जाने से क्षुब्ध होकर कथित बलात्कार पीड़ित युवती ने 8 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह का प्रयास किया जहां मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया।

9 अप्रैल 2018 को हुई पीड़िता के पिता की मौत:
पीड़िता के पिता को रविवार 8 अप्रैल 2018 को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं। उसके बाद उन्हें तुरंत जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. मगर तड़के लगभग तीन बजे उनकी मौत हो गयी। उनकी उम्र करीब 50 वर्ष थी। इसके बाद पीड़िता और उनके परिजनों ने बीजेपी विधायक सेंगर पर जेल में पिता की हत्या कराने का आरोप लगाया। यूपी प्रशासन ने इस मामले में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया।

10 अप्रैल 2018 के विधायक का भाई अतुल सेंगर गिरफ्तार:
उन्नाव गैंगरेप मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही उन्नाव में बीजेपी विधायक द्वारा लड़की के साथ बलात्कार किए जाने और युवती के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के प्रकरण की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया।

11 अप्रैल 2018 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का यूपी सरकार को नोटिस/SC में याचिका दायर:
11 अप्रैल 2018 को उन्नाव गैंगरेप में युवती के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई जिसमें बीजेपी के विधायक द्वारा पीड़िता के कथित गैंगरेप और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में सीबीआई द्वारा जांच कराने की मांग की गई. इसी दिन उन्नाव गैंगरेप और पीड़िता के पिता की मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से रिपोर्ट तलब की. साथ ही एडवोकेट जनरल या एडिशनल एडवोकेट जनरल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा है।

12 अप्रैल को मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई:
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 12 अप्रैल को उन्नाव बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया। इसी दिन उन्नाव गैंगरेप मामले में पुलिस ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया।

13 अप्रैल 2018 को बीजेपी विधायक हुआ गिरफ्तार:
उन्नाव गैंगरेप मामले में सीबीआई की टीम ने आरोपी बीजेपी विधायक को सुबह साढ़े चार बजे के करीब गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसी ने सेंगर को उसके घर से गिरफ्तार किया। इसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्नाव गैंगरेप मामले में सुनवाई करते हुए विधायक सहित बाकी आरोपियों के फौरन गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पिछले साल 20 जून और इस साल दर्ज हुई बाकी एफआईआर की भी सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही पिछले साल के मामले में जमानत पाए आरोपियों की जमानत रद्द कराने का भी आदेश कोर्ट ने जारी किए।

14 अप्रैल 2018 को रेप कांड में हुई दूसरी गिरफ्तारी:
सीबीआई ने 14 अप्रैल 2018 को उन्नाव रेप कांड में दूसरी गिरफ्तारी की। जांच एजेंसी ने शशि सिंह नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया जिस पर घटना के दिन पीड़िता को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के पास ले जाने का आरोप थे। वहीं कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को सात दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।

16 अप्रैल 2018:
उन्नाव रेप मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाने वाली लड़की का बयान दर्ज किया गया।

18 अप्रैल 2018:
सीबीआई ने उन्नाव गैंगरेप केस में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ चौथी एफआईआर दर्ज की। अधिकारियों ने बताया कि यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया गया।

2 मई 2018:
जेल में करीबियों के साथ जनता दरबार लगाने और गवाहों को प्रभावित करने की शिकायतें सामने आने के बाद बीजेपी विधायक समेत केस से जुड़े सभी आरोपियों को उन्नाव के बजाय लखनऊ की जेल में शिफ्ट करने की खबर आई।

8 जुलाई 2018:
सीबीआई ने उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के सिलसिले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और चार अन्य के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर कर दिया। एजेंसी ने आरोपी पर हत्या और अन्य संबंधित अपराधों के आरोप लगाए हैं।

24 अगस्त 2018:
बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की कथित संलिप्तता वाले उन्नाव बलात्कार और हत्या मामले के गवाह में से एक की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सीबीआई के साथ साझा की गई जानकारी के मुताबिक यूनुस नाम का गवाह पिछले कुछ समय से कथित तौर पर बीमार चल रहा था। वह माखी गांव में एक परचून की दुकान चलाता था. पीड़िता और विधायक भी इसी गांव में रहते हैं। उन्होंने बताया कि उसे कुछ दिनों से लीवर संबंधी बीमारी थी और पिछले हफ्ते उसकी मौत हो गई थी। वहीं 26 अगस्त को उन्नाव बलात्कार मामले के गवाह यूनुस का शव शनिवार रात कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया।

28 जुलाई 2019:
लगभग एक साल बाद उन्नाव मामला फिर सुर्खियों में आ गया जब रविवार 28 जुलाई को खबर आई कि उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता जिस कार में जा रही थी उसे एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई जबकि खुद पीड़िता और उसके वकील की हालत बेहद गंभीर है। पीड़िता को आंतरिक अंगों में ब्लीडिंग हो रही है और उसकी हालत बेहद खराब है। पीड़िता युवती और उसके रिश्तेदार अपने वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा से मिलने जा रहे थे।

कल सुप्रीम कोर्ट में इस अहम मामले की सुनवाई होने जा रही है और उधर पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। उन्नाव रेप कांड मे नयी एफआईआऱ दर्ज करने के बाद सीबीआई साजिशों के तार खोजने और जोडने में जुट गई है। सच्चाई का पता लगाने के लिए सीबीआई इस मामले में पीड़िता के साथ तैनात गनरो औऱ जेल में बंद विधायक से भी पूछताछ करेगी। सीबीआई ने पीड़िता के साथ हुए हादसे में आपराधिक षडयंत्र और हत्या समेत अनेक आपराधिक धाराओं के तहत विधायक कुलदीप सेंगर समेत 11 लोगो को नामजद किया है।

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