ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि अगर सड़क पर नमाज पढ़ने से किसी को तकलीफ हो तो मजबूरी में भी मुसलमान सड़क पर नमाज अदा न करें।

एक मस्जिद में जगह न होने पर नमाजी दूसरी मस्जिद जाकर नमाज अदा कर लें। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद ने सड़क पर नमाज को लेकर खड़े हुए विवाद पर यह बात कही है।

मौलाना का कहना है कि मुसलमान नमाज मस्जिद में ही अदा करते हैं। सिर्फ जुमे के दिन कुछ ही जगहों पर मस्जिद में जगह न होने की वजह से कुछ लोग सड़क पर नमाज पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि नमाज अल्लाह की इबादत के लिये पढ़ी जाती है। नमाज से किसी को तकलीफ नहीं पहुंचाई जा सकती है।

अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने बगैर अनुमति सड़क पर किसी भी तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। ये प्रशासन का एक अच्छा कदम है क्योंकि इस तरह का प्रावधान कानून में पहले से ही मौजूद है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, उन्नाव में जय श्रीराम का जबरन नारा लगवाने की घटना पर मौलाना फरंगी महली ने कहा कि हिंदू धर्म में जबरदस्ती की जगह नहीं है। कोई राम के नाम पर इस तरह की हरकत कैसे कर सकता है।

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा है कि खुले में नमाज पढ़ना शरई ऐतबार से गलत नहीं है। हालांकि मौलाना ने सड़क पर नमाज को लेकर विस्तृत तौर पर नही बोला। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाने की कुछ भगवाधारी लोगों की आदत बन गई है।

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