अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन ने एक बार फिर से इस्लामिक उपदेशक डॉ जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, इंटरपोल ने अपने सभी कार्यालयों को निर्देश दिया है कि वे इस संबंध में आई सभी फाइलों और सूचनाओं को नियमित कामकाज से हटा दें।

इंटरपोल ने भारत को बताया कि उसने कुछ साल पहले भारत छोड़कर मलेशिया में रह रहे डॉ नाइक के खिलाफ सबूतों की कमी और किसी भी तरह का गलत कृत्य साबित न होने के कारण नोटिस जारी नहीं करने का फैसला किया है।

इंटरपोल के प्रवक्ता ने इस संबंध में आधिकारिक पत्राचार भी प्रेस के साथ साझा किया। इंटरपोल ने 1-5 जुलाई, 2019 को आयोजित 109 वें सत्र के दौरान अपना निर्णय लिया। इसके बाद इसके जनरल सेक्रेटरी ने 15 जुलाई, 2019 को इंटरपोल के कमीशन फॉर फाइल्स के एक पत्र के अनुसार नाइक से संबंधित सभी डेटा को हटाने का फैसला किया।

अंतर्राष्ट्रीय जगत में यह निर्णय भारत सरकार के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है। यह तीसरा मौका है जब इंटरपोल ने जाकिर नाइक के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इंकार कर दिया है।

भारत का आरोप है कि यह इस्लामी उपदेशक भारत में कट्टरपंथी प्रचार के जरिये भारत में धार्मिक उन्माद भड़काने की कोशिश करता आया है। भारत ने 2017 के मध्य में नाइक के खिलाफ पहली बार इंटरपोल में अपील की थी।एक सूत्र ने दावा किया कि पिछले एक साल में इंटरपोल टीम के साथ भारत की कई बैठकें हुईं।

इंटरपोल ने अपने बयान में कहा है कि जाकिर नाइक के खिलाफ आरोप अस्पष्ट और निराधार थे और भारतीय अधिकारी इंटरपोल के सामने विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत करने और उचित प्रक्रिया का पालन करने में विफल रहे।

बता दें कि गृह मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार ने नवंबर 2016 में डॉ नाइक और उनके संगठन – इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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