पिछले कई दिनों से विधानसभा में जारी विश्वासमत पर चर्चा के बाद आखिरकार मंगलवार को कांग्रेस-जेडीएस की कुमारस्वामी सरकार बहुमत न होने का कारण गिर गई। विधानसभा में पिछले गुरुवार को उन्होंने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था।

बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने ऐलान किया कि 99 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया है। इस प्रकार यह प्रस्ताव गिर गया। कांग्रेस-जेडीएस उन 16 विधायकों को मनाने में नाकाम रहे जिन्होंने सरकार के खिलाफ बागी रुख अपना लिया था। वहीँ दूसरी तरफ कुमारस्‍वामी की सरकार गिरने पर बीजेपी कार्यालय में जश्‍न मनाया जा रहा है। कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक संपन्न हुई। अब आज सुबह 11 बजे बेंगलुरु में पार्टी कार्यालय में एक और बैठक होने वाली है।

कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिरने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। राहुल ने ट्विटर के जरिए बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि कर्नाटक में लालच की जीत हुई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी को कठघरे में खड़ा किया है।

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि, ‘कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनने के पहले दिन से बाहरी और भीतरी दोनों ओर से यह निशाने पर थी। जो लोग इस गठबंधन को सत्ता के रास्ते में एक खतरे और बाधा के रूप में देख रहे थे, आज उनका लालच जीत गया है। यह लोकतंत्र, ईमानदारी और कर्नाटक की जनता की हार है।’

प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘एक दिन बीजेपी को पता चलेगा कि सब कुछ खरीदा नहीं जा सकता, हर किसी की बोली नहीं लगाई जा सकती और हर झूठ का आखिरकार पर्दाफाश होता है। तब तक मुझे लगता है कि हमारे देश की जनता को कमजोर होते लोकतंत्र, उनके बेलगाम भ्रष्टाचार और उन संस्थाओं के व्यवस्थित विध्वंस को सहन करना होगा, जिन्होंने जनता के हितों की रक्षा के लिए दशकों का परिश्रम और बलिदान दिया है।’

कौन-कौन नहीं थे सदन में:
दरअसल, कार्यवाही में 20 विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया जिससे सदन की संख्या घटकर 204 रह गई। मंगलवार शाम जिस वक्त विश्वास मत पर वोटिंग हो रही थी, उस समय कांग्रेस-जेडीएस के 17, बीएसपी के एक और 2 निर्दलीय विधायक सदन में नहीं आए। इस तरह गठबंधन सरकार 103 का जादुई आंकड़ा नहीं जुटा सकी और कुमारस्वामी कि सरकार सिर्फ 14 महीने तक चल पाई।

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