सूरत का डायमंड उद्योग पिछले कई महीनों से जबरदस्त मंदी के दौर से गुजर रहा है. इस मंदी का असर डायमंड उद्योगपतियों के कारोबार पर हुआ है, जिसका खामियाजा डायमंड फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. मंदी की मार झेल रहे कर्मचारी खुदकुशी करने को मजबूर हैं. महज 20 दिनों के भीतर ही चार कर्मचारियों ने आत्महत्या की.

बता दें, दुनिया भर में तैयार होने वाले 15 में से 14 डायमंड गुजरात के सूरत शहर में ही तरासे जाते है. सूरत शहर के वराछा, कापोद्रा, कतारगाम और महीधरपुरा इलाके में ज्यादातर डायमंड की फैक्ट्री और ऑफिस हैं. डायमंड उद्योग पिछले कई महीनो से मंदी की मार झेल रहा है. नतीजन यहां नौकरी ना मिलने की वजह से कई डायमंड कर्मचारी खुदकुशी करने को मजबूर हुए. इसके साथ ही हजारों की तादात में कर्मचारी बेरोजगार हो गए है.

डायमंड उद्योग में छाई मंदी की वजह से महज 20 दिनों के भीतर 4 डायमंड वर्कर खुदकुशी कर चुके हैं. खुदकुशी करने वाले कर्मचारियों में एक सूरत शहर के कतारगाम इलाके में रहने वाले गौरव गज्जर थे, जिन्होंने अपनी बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी. गौरव गज्जर पिछले तीन महीने से बेरोजगार थे. वो हर रोज घर से डायमंड फैक्ट्री में काम की तलाश में जाते थे, लेकिन निराश लौटते.

खुदकुशी करने वाले गौरव गज्जर की कमाई से ही परिवार का गुजारा होता था. गौरव के परिवार में पत्नी, छोटे बच्चे के अलावा बूढ़े मां-बाप हैं. गौरव के पिता नवीन चंद्र का कहना है कि उनका बेटा पिछले तीन महीने से मंदी को लेकर डिप्रेशन में था. वह बच्चों के स्कूल की फीस भी नहीं दे पा रहा था.

डायमंड वर्कर एसोसिएशन गुजरात का दावा है कि मंदी के असर की वजह से हजारों डायमंड वर्कर बेरोजगार हुए हैं. इस मामले को लेकर वो प्रशासन को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं. अब देखना ये है कि डायमंड उद्योग पर छाई मंदी को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार क्या कदम उठाते हैं.

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