मोटापा, शिक्षा और व्यक्तित्व जैसे कई आनुवंशिक गुण और कारक दांतों के खराब होने और मसूड़ों की बीमारियों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसका खुलासा एक नए अध्ययन से हुआ है।

ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दो लोग जो एक जैसा खाना खाते हैं और अपने मुंह का ख्याल भी एक ही तरह से रखते हैं, उनमें भी दांतों की सड़न की बीमारी अलग-अलग हो सकती है लेकिन अनुसंधानकर्ता अभी तक इसके पीछे की वजह बताने में सक्षम नहीं थे।

स्वीडन के उमिया यूनिवर्सिटी के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ओडोनोटोलॉजी’ के इंगेगर्ड जोनासन ने बताया, ‘‘ इस अध्ययन से स्पष्ट पता चला है कि दांत भी हमारे शरीर का हिस्सा हैं। कई अन्य चीजों के साथ ही हम यह देख सकते हैं कि हृदय संबंधी बीमारियों और दांतों के खराब होने का भी संबंध है।’’

इसको लेकर पहले भी अनुसंधान हुए और उसमें यह भी सामने आया की इसमें जीन शामिल हो सकते हैं लेकिन किसी की भी पुष्टि नहीं हो पाई थी। ये बीमारियां बहुत पेचीदा होती हैं और इस संबंध को समझने के लिए बड़े अनुसंधान की जरूरत होती है।

मौजूदा अध्ययन ‘नेचर कम्युनिकेशन’ में प्रकाशित हुआ है और इसमें नौ अंतरराष्ट्रीय क्लिनिकल अध्ययन के आंकड़े हैं। इस अध्ययन में 62,000 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस अनुसंधान 47 नए जीन की पहचान की गई जो दांतों के खराब होने से जुड़े हुए थे।

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