मायावती उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ रही हैं. लिहाजा उन्हें न सिर्फ इन इलाकों में पार्टी में नई जान फूंकनी है, बल्कि 11 काबिल विधानसभा उम्मीदवार भी ढूंढ़ने हैं. इसी सिलसिले में मायावती 2 जुलाई को बरेली, चित्रकूट, कानपुर और झांसी मंडल की बैठक करेंगी. जबकि 6 जुलाई को लखनऊ मंडल की बैठक होने वाली है.

समाजवादी पार्टी से राहें जुदा होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. मायावती इसके लिए मंगलवार से मंडलवार बैठकें करेंगी. यूपी की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने को है. इस बार अकेले चुनाव लड़ रही मायावती को अब उन जगहों पर अपनी पार्टी को चुस्त-दुरुस्त करना है जहां लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ी थी.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान 11 विधायक सांसद बन गए. अब इन सीटों पर उपचुनाव होना है. इनमें गोविंदनगर, लखनऊ कैंट, टूंडला, जैदपुर, मानिकपुर, बलहा, गंगोह, इगलास, प्रतापगढ़, रामपुर और जलालपुर विधानसभा सीट शामिल है.

मायावती उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ रही हैं. लिहाजा उन्हें न सिर्फ इन इलाकों में पार्टी में नई जान फूंकनी है, बल्कि 11 काबिल विधानसभा उम्मीदवार भी ढूंढ़ने हैं. इसी सिलसिले में मायावती 2 जुलाई को बरेली, चित्रकूट, कानपुर और झांसी मंडल की बैठक करेंगी. जबकि 6 जुलाई को लखनऊ मंडल की बैठक होने वाली है.

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी 9 साल बाद विधानसभा उपचुनाव लड़ रही है. इससे पहले 2010 में बीएसपी ने अपना आखिरी उपचुनाव लड़ था. यूपी में 2019 का लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. इस चुनाव में बीएसपी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि समाजवादी पार्टी को 5 सीटों पर जीत मिली थी. चुनाव नतीजों के बाद बसपा ने सपा से रिश्ते खत्म कर लिए थे. मायावती ने आरोप लगाया था कि यूपी के यादव वोटों का ट्रांसफर उनकी पार्टी को नहीं हो पाया था. मायावती ने कहा था कि अब वो बसपा अपने दम पर दलित मूवमेंट को उत्तर प्रदेश में खड़ा करेंगी.

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